सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में अंतरिम जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में अंतरिम जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में अंतरिम जमानत दी

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में अंतरिम जमानत दी है। यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया गया था। कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या ED के पास PMLA के तहत गिरफ्तारी के लिए ‘समान नीति’ है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदु

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने ED की वेबसाइट से डेटा का हवाला देते हुए एजेंसी की कार्रवाइयों में असंगतियों को नोट किया। 31 जनवरी, 2023 तक, 5,906 प्रवर्तन केस सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की गईं, लेकिन केवल 531 मामलों में ही तलाशी ली गई। कोर्ट ने जोर दिया कि ED को समान और सुसंगत तरीके से कार्य करना चाहिए।

कोर्ट ने यह भी कहा कि PMLA की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी केवल जांच के लिए नहीं की जानी चाहिए। गिरफ्तारी का निर्णय स्वीकार्य साक्ष्य पर आधारित होना चाहिए और यह तर्कसंगत और निष्पक्ष होना चाहिए।

केजरीवाल की जमानत की शर्तें

अंतरिम जमानत देते समय, कोर्ट ने केजरीवाल पर कई शर्तें लगाईं:

  • वह अंतरिम रिहाई की अवधि के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे।
  • वह केवल दिल्ली के उपराज्यपाल से मंजूरी प्राप्त करने के लिए आवश्यक होने पर ही आधिकारिक फाइलों पर हस्ताक्षर करेंगे।
  • वह मामले में अपनी भूमिका पर टिप्पणी नहीं करेंगे।
  • वह गवाहों से संपर्क नहीं करेंगे या मामले से संबंधित आधिकारिक फाइलों तक पहुंच नहीं बनाएंगे।

कोर्ट ने केजरीवाल के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को स्वीकार किया, यह देखते हुए कि वह 90 दिनों से अधिक समय से जेल में थे। इस मामले को PMLA के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता और आधार के बारे में तीन प्रमुख कानूनी प्रश्नों को संबोधित करने के लिए एक बड़ी पीठ को भेजा गया है।

मामले की पृष्ठभूमि

केजरीवाल को 21 मार्च को ED द्वारा अब रद्द की गई दिल्ली शराब नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।

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