अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अगले तीन वर्षों में विश्व बैंक की अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA) को 4 बिलियन डॉलर देने का महत्वपूर्ण वादा किया है। यह घोषणा विश्व बैंक के अध्यक्ष बंगा के साथ मिलकर की गई। राष्ट्रपति बाइडेन ने अन्य देशों से भी अपनी योगदान राशि बढ़ाने का आग्रह किया।
IDA विश्व बैंक का एक हिस्सा है जो निम्न-आय वाले देशों की सहायता करता है। इसकी स्थापना 1960 में हुई थी और यह अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) का पूरक है। IDA अनुदान और कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करता है ताकि देश अपने भविष्य में निवेश कर सकें और अधिक समृद्ध समाज बना सकें। यह 78 निम्न-आय वाले देशों के लिए प्रमुख सहायता स्रोत है, जो कम या शून्य ब्याज और लंबी पुनर्भुगतान अवधि के साथ रियायती शर्तें प्रदान करता है।
IDA मुख्य रूप से सदस्य देशों की सरकारों के योगदान से वित्तपोषित होता है। दानदाता हर तीन साल में संसाधनों को पुनःपूर्ति करने और नीतियों की समीक्षा करने के लिए मिलते हैं। नवीनतम पुनःपूर्ति, IDA20, दिसंबर 2021 में समाप्त हुई, जिसने वित्तीय वर्ष 2022-2025 के लिए ऐतिहासिक 93 बिलियन डॉलर सुरक्षित किए।
जो बाइडेन संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, जो उत्तरी अमेरिका में एक देश है। वह देश के नेता की तरह हैं, जैसे भारत में प्रधानमंत्री होता है।
विश्व बैंक एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो देशों की मदद करता है उन्हें पैसे और सलाह देकर ताकि वे अपनी अर्थव्यवस्था को सुधार सकें और गरीबी को कम कर सकें। यह देशों के लिए एक बड़ा बैंक जैसा है।
आईडीए का मतलब इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन है। यह विश्व बैंक का एक हिस्सा है जो दुनिया के सबसे गरीब देशों की मदद करता है उन्हें बहुत कम ब्याज दरों पर या उपहार के रूप में पैसे देकर।
प्रतिज्ञा का मतलब कुछ देने या करने का वादा है। इस मामले में, इसका मतलब है कि जो बाइडेन ने आईडीए को $4 बिलियन देने का वादा किया है।
कम आय वाले देश वे राष्ट्र हैं जहाँ लोग आमतौर पर कम पैसे कमाते हैं और उन्हें अच्छे स्कूल या अस्पताल जैसी कई सुविधाएँ नहीं मिलतीं। आईडीए इन देशों की जीवन स्थितियों को सुधारने में मदद करता है।
पुनः पूर्ति का मतलब किसी फंड या खाते में और पैसे जोड़ना है। यहाँ, इसका मतलब है कि देश आईडीए को और पैसे दे रहे हैं ताकि वह कम आय वाले देशों की मदद जारी रख सके।
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