इस्लामाबाद, पाकिस्तान में, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के आह्वान पर बड़ी संख्या में लोग राजधानी की ओर मार्च कर रहे हैं। PTI ने सोशल मीडिया पर साझा किया कि हजारों लोग शांतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे हैं, जिनकी मांगों में 26वें संशोधन की वापसी, संविधान की बहाली, चोरी हुए जनादेश की वापसी और राजनीतिक कैदियों की रिहाई शामिल हैं।
इमरान खान की बहनें, अलीमा खान और उज़मा खान, इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गई हैं। PTI की मांगों में राजनीतिक कैदियों की रिहाई, चोरी हुए जनादेश की बहाली, कानून और संविधान का पालन और वर्तमान शासन द्वारा 'फासीवादी आतंक के शासन' को समाप्त करना शामिल है।
विरोध प्रदर्शन की योजना पहले 24 नवंबर के लिए बनाई गई थी, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया। PTI नेताओं ने कहा कि वे इस्लामाबाद पहुंचने की जल्दी में नहीं हैं। गिरफ्तारी, लाठीचार्ज और आंसू गैस का सामना करने के बावजूद, देश भर से समर्थक भाग ले रहे हैं। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने विरोध को अवैध घोषित किया और सरकार ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 को बढ़ा दिया।
इमरान खान को 470 दिनों से अधिक समय से हिरासत में रखा गया है। उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने उनकी रिहाई की मांग की है और कहा है कि जब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा। PTI ने खान की रिहाई की मांग के लिए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।
इस्लामाबाद पाकिस्तान की राजधानी है, जो एक देश है जो भारत के साथ सीमा साझा करता है। यह वह जगह है जहाँ पाकिस्तान की सरकार स्थित है।
इमरान खान एक प्रसिद्ध पाकिस्तानी राजनेता और पूर्व क्रिकेटर हैं। वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नामक राजनीतिक पार्टी के नेता हैं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ, या पीटीआई, पाकिस्तान में एक राजनीतिक पार्टी है। इसे इमरान खान ने स्थापित किया था और इसका उद्देश्य देश में परिवर्तन और न्याय लाना है।
26वां संशोधन पाकिस्तान के कानूनों या नियमों में एक परिवर्तन को संदर्भित करता है। प्रदर्शनकारी इस परिवर्तन को रद्द या निरस्त करना चाहते हैं।
संविधान नियमों और सिद्धांतों का एक सेट है जो यह मार्गदर्शन करता है कि एक देश कैसे शासित होता है। प्रदर्शनकारी पाकिस्तान के संविधान के मूल नियमों को बहाल करना चाहते हैं।
राजनीतिक कैदी वे लोग होते हैं जिन्हें उनके राजनीतिक विश्वासों या कार्यों के कारण जेल में डाला जाता है। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि इन लोगों को रिहा किया जाए।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय इस्लामाबाद में एक बड़ा न्यायालय है जो महत्वपूर्ण कानूनी निर्णय लेता है। इसने कहा कि प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी या यह अवैध था।
धारा 144 एक कानून है जो सरकार को शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोगों के जमावड़े को रोकने की अनुमति देता है। इसका उपयोग प्रदर्शन या बड़ी बैठकों को रोकने के लिए किया जाता है।
हिरासत में होने का मतलब है कि पुलिस द्वारा पकड़ा या रखा गया होना। इमरान खान को 470 दिनों से अधिक समय से हिरासत में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि उन्हें लंबे समय से पकड़ा गया है।
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