अमित शाह ने 2024 सम्मेलन में नई आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर जोर दिया
नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2024’ को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने ‘सीमाहीन और अदृश्य’ आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए उन्नत तकनीक की आवश्यकता पर जोर दिया। शाह ने राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति की योजना की घोषणा की, जो गृह मंत्रालय द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों को उजागर करती है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की आतंकवाद के प्रति वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त शून्य-सहनशीलता नीति की सराहना की और भारत की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले 36,468 पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह सम्मेलन, जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आयोजित किया गया है, हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और आतंकवाद विरोधी प्रयासों में कानूनी ढांचे, तकनीकी चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर चर्चा करने का उद्देश्य रखता है। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, केंद्रीय एजेंसी के प्रतिनिधि, और कानून, फोरेंसिक और तकनीक के विशेषज्ञ शामिल हैं।
Doubts Revealed
अमित शाह -: अमित शाह भारत में एक महत्वपूर्ण नेता हैं। वह केंद्रीय गृह मंत्री हैं, जिसका मतलब है कि वह देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून प्रवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं।
एंटी-टेरर कॉन्फ्रेंस-2024 -: एंटी-टेरर कॉन्फ्रेंस-2024 एक बैठक है जहां विशेषज्ञ और नेता आतंकवाद को रोकने के तरीकों पर चर्चा करते हैं। यह भारत की राजधानी नई दिल्ली में हो रही है।
उन्नत प्रौद्योगिकी -: उन्नत प्रौद्योगिकी नए और उन्नत उपकरणों और विधियों को संदर्भित करती है। इनका उपयोग आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किया जाता है, जो कई देशों को प्रभावित करने वाली एक बड़ी समस्या है।
बॉर्डरलेस और अदृश्य आतंक खतरे -: बॉर्डरलेस और अदृश्य आतंक खतरे वे खतरे हैं जो कहीं से भी आ सकते हैं और देखना मुश्किल होता है। आतंकवादी इंटरनेट और अन्य साधनों का उपयोग करके बिना एक ही स्थान पर हुए नुकसान पहुंचा सकते हैं।
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति -: यह एक योजना है जिसे सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उपयोग करेगी। इसमें लोगों को आतंकवादी गतिविधियों से सुरक्षित रखने के लिए नियम और कार्य शामिल होंगे।
शून्य-सहनशीलता रुख -: शून्य-सहनशीलता रुख का मतलब है कि किसी भी आतंकवादी गतिविधियों को बिल्कुल भी अनुमति नहीं देना। प्रधानमंत्री मोदी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसी भी रूप में आतंकवाद स्वीकार्य न हो।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी -: राष्ट्रीय जांच एजेंसी, या एनआईए, भारत में एक विशेष समूह है। वे आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों से संबंधित मामलों की जांच और समाधान करते हैं।
सहयोग और कानूनी ढांचे -: सहयोग का मतलब है साथ मिलकर काम करना, और कानूनी ढांचे नियम और कानून होते हैं। आतंकवाद विरोधी में, इसका मतलब है कि विभिन्न समूह और देश कानून के तहत मिलकर आतंकवाद को रोकने के लिए काम करते हैं।