विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप प्रशासन की भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने उद्घाटन में भारत की उपस्थिति के महत्व को रेखांकित किया, जो प्रशासन की द्विपक्षीय संबंधों को प्राथमिकता देने की नीति को दर्शाता है।
जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच क्वाड साझेदारी को आगे बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने क्वाड के भीतर गतिविधियों और सहयोग को बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के विदेश मंत्रियों के साथ एक बैठक की मेजबानी की। इस बैठक ने इंडो-पैसिफिक में क्षेत्रीय समुद्री, आर्थिक, प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा को बढ़ाने के लिए क्वाड की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
चारों देशों ने एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, अंतरराष्ट्रीय कानून, आर्थिक अवसर और सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने यथास्थिति को खतरे में डालने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया और क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
क्वाड देश अपनी साझेदारी जारी रखने और अगले क्वाड लीडर्स समिट की तैयारी करने की योजना बना रहे हैं, जिसकी मेजबानी भारत करेगा।
एस जयशंकर भारत के विदेश मंत्री हैं, जिसका मतलब है कि वे भारत के अन्य देशों के साथ संबंधों को प्रबंधित करने के लिए जिम्मेदार हैं।
भारत-अमेरिका संबंध भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच के संबंधों को संदर्भित करते हैं, जिसमें व्यापार, रक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान शामिल हैं।
क्वाड साझेदारी चार देशों का समूह है: भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक विकास जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं।
वॉशिंगटन डीसी संयुक्त राज्य अमेरिका की राजधानी है जहां महत्वपूर्ण सरकारी भवन और अधिकारी स्थित हैं।
ट्रम्प प्रशासन उस अवधि को संदर्भित करता है जब डोनाल्ड ट्रम्प संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति थे, 2017 से 2021 तक।
अमेरिकी विदेश मंत्री अमेरिकी सरकार में एक उच्च-स्तरीय अधिकारी होते हैं जो विदेश मामलों के लिए जिम्मेदार होते हैं, जो भारत के विदेश मंत्री के समान होता है।
मार्को रुबियो एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ हैं, लेकिन वे अमेरिकी विदेश मंत्री नहीं हैं। यह सारांश में एक गलती हो सकती है।
इंडो-पैसिफिक एक क्षेत्र है जिसमें भारतीय महासागर और पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर शामिल हैं, जो व्यापार और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
मुक्त और खुला इंडो-पैसिफिक का मतलब है कि इस क्षेत्र के देश बिना किसी प्रतिबंध या अन्य देशों से खतरे के व्यापार और यात्रा कर सकते हैं।
एकतरफा कार्यवाही वे निर्णय या कार्य होते हैं जो एक देश द्वारा बिना अन्य देशों से परामर्श या सहमति के लिए जाते हैं, जो एक क्षेत्र में संतुलन या शांति को बिगाड़ सकते हैं।
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