41 साल बाद ऑस्ट्रिया की ऐतिहासिक यात्रा पर पीएम मोदी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रिया की यात्रा पर जा रहे हैं, जो 1983 में इंदिरा गांधी के बाद पहली प्रधानमंत्री यात्रा है। ऑस्ट्रिया में भारतीय राजदूत शंभु कुमरन ने इस यात्रा के महत्व को उजागर किया है, जो भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों को मजबूत करने में सहायक होगी।
यात्रा के मुख्य बिंदु
पीएम मोदी की यात्रा 9-10 जुलाई को होगी, जो भारत और ऑस्ट्रिया के बीच कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के साथ मेल खाती है। इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा और गति आने की उम्मीद है।
मुख्य क्षेत्र
यात्रा के दौरान निम्नलिखित मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
- इन्फ्रास्ट्रक्चर
- परिवहन
- मोबिलिटी
- नवीकरणीय ऊर्जा
- स्वच्छ प्रौद्योगिकियां
- व्यापक नवाचार साझेदारी
- स्टार्टअप स्तर पर सहयोग
दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी और डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक स्टार्टअप ब्रिज स्थापित किया गया है।
बैठकें और बातचीत
अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर और राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन के साथ महत्वपूर्ण वार्ता करेंगे। वे ऑस्ट्रियाई सीईओ और भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल से भी मिलेंगे। इसके अलावा, पीएम मोदी ऑस्ट्रिया में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे।
नेताओं के बयान
पीएम मोदी ने अपनी यात्रा के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “ऑस्ट्रिया हमारा स्थिर और विश्वसनीय साझेदार है, और हम लोकतंत्र और बहुलवाद के आदर्शों को साझा करते हैं। मैं अपनी चर्चाओं के लिए उत्सुक हूं ताकि हमारी साझेदारी को नवाचार, प्रौद्योगिकी और सतत विकास के नए और उभरते क्षेत्रों में और ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके।”
राजदूत कुमरन ने ऑस्ट्रिया में भारतीय संस्कृति, योग और आयुर्वेद के प्रति बढ़ती रुचि और ऑस्ट्रिया में काम करने वाले भारतीयों की बढ़ती संख्या पर जोर दिया।