1 जुलाई से भारत में नए जनहितकारी आपराधिक कानून लागू होंगे: डीसीपी उमा शंकर

1 जुलाई से भारत में नए जनहितकारी आपराधिक कानून लागू होंगे: डीसीपी उमा शंकर

1 जुलाई से भारत में नए जनहितकारी आपराधिक कानून लागू होंगे: डीसीपी उमा शंकर

नई दिल्ली [भारत], 28 जून: दिल्ली पुलिस अकादमी के उप पुलिस आयुक्त उमा शंकर ने घोषणा की है कि 1 जुलाई से भारत में नए आपराधिक कानून लागू होंगे। ये कानून पुराने कानूनों को बदलकर जनहितकारी प्रावधानों को पेश करेंगे।

पुराने कानूनों की जगह नए कानून

तीन नए आपराधिक कानून हैं:

  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
  • भारतीय न्याय संहिता 2023
  • भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023

ये 1860 के भारतीय दंड संहिता, 1973 के आपराधिक प्रक्रिया संहिता, और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।

जनहितकारी प्रावधान

शंकर ने कई जनहितकारी प्रावधानों को उजागर किया:

  • जीरो-एफआईआर: किसी भी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया जा सकता है और संबंधित क्षेत्राधिकार को भेजा जा सकता है।
  • ऑनलाइन एफआईआर: राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध।
  • पीड़ित अपने वर्तमान शहर से बयान दर्ज कर सकते हैं।

महिलाओं के लिए प्रावधान

शंकर ने महिलाओं के लिए सरल प्रावधानों का भी उल्लेख किया:

  • महिलाएं बिना पुलिस स्टेशन गए शिकायत दर्ज कर सकती हैं।

धाराओं और दंड में बदलाव

नए कानूनों में धाराओं, जुर्मानों और दंड में बदलाव शामिल हैं:

  • भारतीय न्याय संहिता: 358 धाराएं, 20 नए अपराध, 33 अपराधों के लिए बढ़ी हुई सजा, 83 अपराधों के लिए बढ़े हुए जुर्माने, 23 अपराधों के लिए अनिवार्य न्यूनतम सजा, छह अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा दंड, और 19 धाराएं हटाई गईं।
  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता: 531 धाराएं, 177 बदले हुए प्रावधान, नौ नई धाराएं, 39 नए उप-धाराएं, 44 नए प्रावधान, 35 धाराओं में समयसीमा, 35 स्थानों पर ऑडियो-वीडियो प्रावधान, और 14 धाराएं हटाई गईं।
  • भारतीय साक्ष्य अधिनियम: 170 प्रावधान, 24 बदले हुए प्रावधान, दो नए प्रावधान, छह नए उप-प्रावधान, और छह प्रावधान हटाए गए।

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