भारतीय शेयर बाजारों पर अल्पकालिक दबाव: कॉर्पोरेट आय और भू-राजनीतिक तनाव

भारतीय शेयर बाजारों पर अल्पकालिक दबाव: कॉर्पोरेट आय और भू-राजनीतिक तनाव

भारतीय शेयर बाजारों पर अल्पकालिक दबाव

भारतीय शेयर बाजार इस समय अल्पकालिक दबाव का सामना कर रहे हैं। यह दबाव कॉर्पोरेट आय में कमी और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण है, जैसा कि मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में बताया गया है।

कॉर्पोरेट आय में कमी

पिछले चार वर्षों से कॉर्पोरेट आय में मजबूत दो अंकों की वृद्धि हो रही थी, लेकिन अब यह वृद्धि धीमी हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार, इस कमी का कारण बढ़ती वस्तु कीमतें और बैंकों और वित्तीय संस्थानों में बेहतर संपत्ति गुणवत्ता से मिलने वाले लाभों में कमी है।

भू-राजनीतिक तनाव

रिपोर्ट में बताया गया है कि इजराइल-ईरान संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष जैसे चल रहे संघर्ष बाजार की भावना को प्रभावित कर सकते हैं। ये तनाव पहले से ही नाजुक स्थिति में अनिश्चितता जोड़ते हैं।

पिछला बाजार प्रदर्शन

वर्तमान दबावों के बावजूद, भारतीय शेयरों ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। निफ्टी इंडेक्स, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स ने पिछले 12 महीनों और तीन वर्षों में प्रभावशाली वृद्धि दिखाई है। इस वृद्धि का श्रेय मजबूत कॉर्पोरेट आय और घरेलू निवेशकों की मजबूत रुचि को जाता है।

जोखिम और अनिश्चितता

हालांकि घरेलू निवेशकों ने मजबूत रुचि दिखाई है, विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) चीन में मौद्रिक प्रोत्साहन उपायों के कारण धन निकाल रहे हैं। यह भू-राजनीतिक तनाव और बाहरी कारकों के कारण बाजार की भावना पर अनिश्चित निकट-कालिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

Doubts Revealed


स्टॉक मार्केट्स -: स्टॉक मार्केट्स वे स्थान हैं जहाँ लोग कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं। भारत में, मुख्य स्टॉक मार्केट्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) हैं।

भू-राजनीतिक तनाव -: भू-राजनीतिक तनाव देशों के बीच संघर्ष या असहमति को संदर्भित करता है। ये वैश्विक शांति और आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे विश्वभर के बाजार प्रभावित होते हैं।

कॉर्पोरेट आय -: कॉर्पोरेट आय वह लाभ है जो कंपनियाँ कमाती हैं। जब कंपनियाँ कम पैसा कमाती हैं, तो यह उनके स्टॉक की कीमतों और समग्र बाजार को प्रभावित कर सकता है।

मोतीलाल ओसवाल -: मोतीलाल ओसवाल भारत में एक वित्तीय सेवा कंपनी है। वे निवेश और स्टॉक मार्केट्स से संबंधित सलाह और सेवाएँ प्रदान करते हैं।

कमोडिटी की कीमतें -: कमोडिटी की कीमतें कच्चे माल जैसे तेल, सोना, और खाद्यान्न की लागत को संदर्भित करती हैं। जब ये कीमतें बढ़ती हैं, तो यह कंपनियों के लिए लागत बढ़ा सकती हैं, जिससे उनके लाभ प्रभावित होते हैं।

बैंक संपत्ति की गुणवत्ता -: बैंक संपत्ति की गुणवत्ता यह दर्शाती है कि बैंक के ऋण और निवेश कितने स्वस्थ हैं। बेहतर संपत्ति की गुणवत्ता का मतलब है कम खराब ऋण, जो बैंकों के लिए अच्छा है।

विदेशी निवेशक -: विदेशी निवेशक वे लोग या कंपनियाँ हैं जो अन्य देशों से भारतीय बाजारों में पैसा निवेश करते हैं। उनके कार्य बाजार के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।

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