कर्नाटक स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर वितरण पर चिंता जताई

कर्नाटक स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर वितरण पर चिंता जताई

कर्नाटक स्थापना दिवस समारोह

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का संबोधन

69वें कर्नाटक स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य के कर वितरण को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कर्नाटक करों में महत्वपूर्ण योगदान देता है, महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है, फिर भी उसे कम मिलता है। उन्होंने सांसदों से इस मुद्दे को संसद में उठाने का आग्रह किया, ताकि राज्य के लिए न्याय सुनिश्चित हो सके।

कन्नड़ भाषा का संरक्षण

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कन्नड़ भाषा के शिक्षण और संरक्षण के महत्व पर जोर दिया, जिसकी 2000 साल की समृद्ध इतिहास है। उन्होंने लोगों को अपनी भाषा पर गर्व बनाए रखने के साथ-साथ अन्य भाषाएं सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।

राज्योत्सव समारोह अनिवार्य

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने घोषणा की कि अब सभी शैक्षणिक संस्थानों में कर्नाटक राज्योत्सव मनाना अनिवार्य है। उन्होंने दिन के अंत तक समारोह की रिपोर्ट की उम्मीद जताई।

हिंदी थोपने पर चिंता

कांग्रेस विधायक रिजवान अर्शद ने विशेष रूप से परीक्षाओं में हिंदी थोपने के मुद्दों को उजागर किया और कर वितरण में असमानता पर चिंता व्यक्त की।

ऐतिहासिक संदर्भ

कर्नाटक राज्योत्सव हर साल 1 नवंबर को मनाया जाता है, जो 1956 में मैसूर के रूप में राज्य के गठन का प्रतीक है, जिसे 1973 में कर्नाटक नाम दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के विकास और नवाचार में योगदान को स्वीकार करते हुए शुभकामनाएं दीं।

Doubts Revealed


कर्नाटक स्थापना दिवस -: कर्नाटक स्थापना दिवस, जिसे कर्नाटक राज्योत्सव भी कहा जाता है, हर साल 1 नवंबर को मनाया जाता है। यह 1956 का वह दिन है जब कन्नड़-भाषी क्षेत्रों को मिलाकर कर्नाटक राज्य का गठन किया गया था।

सीएम सिद्धारमैया -: सीएम सिद्धारमैया भारत के राज्य कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री राज्य में सरकार के प्रमुख होते हैं और उसके प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं।

कर हस्तांतरण -: कर हस्तांतरण का मतलब है कि केंद्रीय सरकार द्वारा एकत्रित कर राजस्व को राज्य सरकारों में वितरित करना। कर्नाटक करों में बहुत योगदान देता है लेकिन महसूस करता है कि उसे केंद्रीय सरकार से पर्याप्त वापस नहीं मिलता।

कन्नड़ भाषा संरक्षण -: कन्नड़ कर्नाटक की आधिकारिक भाषा है। भाषा संरक्षण का मतलब है यह सुनिश्चित करना कि कन्नड़ सिखाई और उपयोग की जाए, ताकि यह अन्य भाषाओं को सीखते समय भी भुलाया न जाए।

राज्योत्सव समारोह -: राज्योत्सव समारोह कर्नाटक स्थापना दिवस मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम हैं। इनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, ध्वजारोहण और राज्य के गठन का सम्मान करने के लिए अन्य गतिविधियाँ शामिल हैं।

हिंदी थोपना -: हिंदी थोपना का मतलब है परीक्षाओं या आधिकारिक कार्यों में हिंदी को अनिवार्य भाषा बनाना, जिसे कुछ लोग कर्नाटक जैसे गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों के लिए अनुचित मानते हैं।

1956 -: वर्ष 1956 महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह समय है जब कर्नाटक को आधिकारिक रूप से भारत में एक राज्य के रूप में गठित किया गया था। यह उन क्षेत्रों को मिलाकर हुआ था जहाँ कन्नड़ मुख्य भाषा बोली जाती थी।

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