2025 में भारत की कार बाजार में धीमी वृद्धि, SUV और इलेक्ट्रिक कारों का बढ़ता क्रेज
भारत में यात्री वाहन (PV) उद्योग को वित्तीय वर्ष 2025 में मध्यम वृद्धि की उम्मीद है, जिसमें बिक्री की मात्रा 3% से 5% तक बढ़ने की संभावना है, CareEdge के अनुसार।
वृद्धि के रुझान
FY24 में, PV उद्योग में 7.4% की वृद्धि देखी गई, लेकिन यह वृद्धि धीमी हो रही है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कोविड के बाद की मांग के स्थिर होने, उच्च वाहन कीमतों और उच्च ब्याज दरों के कारण है।
वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक
FY25 में अपेक्षित मध्यम वृद्धि में कई कारक योगदान कर रहे हैं:
- कोविड के बाद की मांग का स्थिर होना
- उच्च वाहन कीमतें
- उच्च ब्याज दरें
इन चुनौतियों के बावजूद, नए मॉडल लॉन्च और SUVs की मजबूत मांग के कारण उद्योग में कुछ वृद्धि की उम्मीद है, साथ ही FY25 के उत्तरार्ध में संभावित ब्याज दर कटौती।
SUV और इलेक्ट्रिक वाहन
SUVs की लोकप्रियता बढ़ रही है, FY24 में बिक्री में 22.4% की वृद्धि हुई। यह रुझान जारी रहने की उम्मीद है, क्योंकि उपभोक्ता अधिक उपयोगिता और सुरक्षा लाभ वाले वाहनों को पसंद करते हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खंड भी तेजी से बढ़ रहा है, FY24 में साल-दर-साल 90% की वृद्धि दर्ज की गई। FY25 में इलेक्ट्रिक कारों की मात्रा 1.3 से 1.5 लाख यूनिट तक पहुंचने की संभावना है, जो बेहतर बुनियादी ढांचे और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों की बढ़ती स्वीकृति से प्रेरित है।
प्रवेश-स्तर के वाहनों के लिए चुनौतियाँ
ग्रामीण और शहरी बाजारों में आर्थिक चुनौतियों के कारण प्रवेश-स्तर के वाहनों की मांग में कमी आई है। CareEdge Ratings के निदेशक हार्दिक शाह ने कहा कि जबकि प्रीमियम वाहन फल-फूल रहे हैं, प्रवेश-स्तर के वेरिएंट की मांग में कमी जारी रहने की संभावना है।
भविष्य की दृष्टि
उद्योग एक विभाजित बाजार परिदृश्य की उम्मीद करता है, जिसमें प्रीमियम वाहन खंड लक्जरी और उच्च-स्तरीय मॉडलों की बढ़ती मांग पर फल-फूल रहे हैं। यह आर्थिक परिस्थितियों और जनसांख्यिकीय बदलावों से आकार ले रही उपभोक्ता प्राथमिकताओं को दर्शाता है।