दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनावों में संपत्ति की बर्बादी पर नाराजगी जताई

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनावों में संपत्ति की बर्बादी पर नाराजगी जताई

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनावों में संपत्ति की बर्बादी पर नाराजगी जताई

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (DUSU) चुनावों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति की बर्बादी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर अधिकारियों की कड़ी आलोचना की है। कोर्ट ने चुनाव अभियानों के दौरान पोस्टर, बैनर और ग्रैफिटी की व्यापक समस्या को उजागर किया।

कड़े निर्देश जारी

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की अध्यक्षता वाली पीठ ने बर्बादी को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए। कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के काउंसलर को निर्देश दिया कि वे तुरंत उन सभी उम्मीदवारों को नोटिस जारी करें जो सार्वजनिक संपत्ति की बर्बादी में शामिल हैं, जैसे DMRC स्टेशन, MCD क्षेत्र और बस स्टैंड। इन उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित किया जाएगा और उन्हें अपने खर्चे पर 24 घंटे के भीतर होर्डिंग्स, फ्लेक्स बोर्ड और पर्चे हटाने होंगे।

आगे की कार्रवाई

कोर्ट ने काउंसलर को यह भी निर्देश दिया कि वे अगले सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी के मुख्य चुनाव अधिकारी की उपस्थिति सुनिश्चित करें, जो कल निर्धारित है। इसके अलावा, दिल्ली नगर निगम (MCD) और दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) को उन उम्मीदवारों के नाम प्रदान करने का काम सौंपा गया है जो बर्बादी के लिए जिम्मेदार हैं, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

याचिकाकर्ता की चिंताएं

याचिकाकर्ता अधिवक्ता प्रशांत मंचंदा ने DUSU चुनावों में उम्मीदवारों द्वारा सार्वजनिक और मेट्रो संपत्तियों की व्यापक बर्बादी को उजागर किया, जो 26 सितंबर, 2024 को निर्धारित हैं। उन्होंने बस स्टैंड, पुलिस स्टेशनों की दीवारों, विश्वविद्यालय की दीवारों और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों को हुए नुकसान की ओर ध्यान दिलाया।

अधिवक्ता मंचंदा ने प्रशांत मंचंदा बनाम UOI के एक पूर्व दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का भी उल्लेख किया, जिसमें बर्बादी के मुद्दों को संबोधित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए गए थे। कोर्ट ने पहले केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली मेट्रो की आलोचना की थी कि उन्होंने अपराधियों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की।

अधिवक्ता मंचंदा द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) ने चुनाव अवधि के दौरान सार्वजनिक संपत्ति की बर्बादी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों पर भारी जुर्माना लगाने की मांग की थी ताकि आगे की क्षति को रोका जा सके।

Doubts Revealed


दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली में एक बड़ा न्यायालय है जहाँ महत्वपूर्ण कानूनी मामलों का निर्णय लिया जाता है।

विकृति -: विकृति का मतलब है किसी चीज़ की उपस्थिति को नुकसान पहुँचाना या खराब करना, जैसे दीवारों पर लिखना या अवैध रूप से पोस्टर चिपकाना।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव -: ये चुनाव हैं जहाँ दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र अपने नेताओं को चुनने के लिए वोट करते हैं जो उनका प्रतिनिधित्व करेंगे।

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन -: मुख्य न्यायाधीश मनमोहन दिल्ली उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश हैं।

न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला -: न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अन्य न्यायाधीश हैं।

दिल्ली नगर निगम -: दिल्ली नगर निगम एक स्थानीय सरकारी निकाय है जो सड़कों की सफाई और पार्कों के रखरखाव जैसी नागरिक सेवाओं का ध्यान रखता है।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम -: दिल्ली मेट्रो रेल निगम वह कंपनी है जो दिल्ली में मेट्रो ट्रेनों का संचालन करती है।

अपराधी -: अपराधी वे लोग होते हैं जो नियमों या कानूनों का उल्लंघन करते हैं।

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