14 साल बाद जीवित मिले व्यक्ति के मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

14 साल बाद जीवित मिले व्यक्ति के मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में ‘मृत’ व्यक्ति के जीवित मिलने का मामला

भारत के सुप्रीम कोर्ट में एक चौंकाने वाले मामले की सुनवाई हो रही है, जिसमें हरदीप सिंह नामक व्यक्ति, जिसे मृत मान लिया गया था, 14 साल बाद जीवित पाया गया। यह मामला 2005 में शुरू हुआ जब पंजाब पुलिस ने हरदीप को मादक पदार्थ और मनोवैज्ञानिक पदार्थ अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। वह कथित रूप से हिरासत से भाग गया और बाद में एक शव मिला, जिसे उसका माना गया। उसके पिता, नगिंदर सिंह ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिसमें दावा किया गया कि उनके बेटे को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था। यह मामला 4 अक्टूबर को न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और एन कोटिस्वर सिंह के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था और 14 फरवरी, 2025 तक स्थगित कर दिया गया।

कानूनी कार्यवाही और विवाद

नगिंदर सिंह ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी जिसने उनकी विरोध याचिका और पुलिस अधिकारियों को समन करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया। पुलिस ने अपील का विरोध किया। वर्षों से रिपोर्ट और जांच विरोधाभासी रही हैं, कुछ ने संकेत दिया कि हरदीप जीवित था और अपने पिता के संपर्क में था, जबकि अन्य ने सुझाव दिया कि उसे हिरासत में मार दिया गया था। 2019 में, हरदीप जीवित पाया गया, जिससे कानूनी जटिलताएं बढ़ गईं।

वर्तमान स्थिति

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पुलिस के पक्ष में फैसला सुनाया, यह कहते हुए कि मृत माना गया व्यक्ति जीवित था, और अधिकारियों के खिलाफ आरोप खारिज कर दिए। नगिंदर सिंह न्याय की मांग जारी रखते हैं, यह तर्क देते हुए कि अवैध हिरासत और गलत तरीके से कैद जैसे अन्य आरोप पुलिस के खिलाफ अभी भी मान्य हैं।

Doubts Revealed


सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत की सबसे ऊँची अदालत है। यह कानूनी मामलों पर महत्वपूर्ण निर्णय लेती है जो पूरे देश को प्रभावित करते हैं।

हरदीप सिंह -: हरदीप सिंह एक व्यक्ति हैं जिन्हें 14 वर्षों तक मृत समझा गया था लेकिन बाद में जीवित पाए गए। उनका मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा समीक्षा किया जा रहा है।

हैबियस कॉर्पस -: हैबियस कॉर्पस एक कानूनी शब्द है जिसका अर्थ है ‘शरीर को प्रस्तुत करो।’ यह लोगों के लिए अदालत से यह जांचने का तरीका है कि क्या किसी को अवैध रूप से जेल में रखा गया है।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट -: यह भारत में एक उच्च न्यायालय है जो पंजाब और हरियाणा राज्यों की सेवा करता है। यह इन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण कानूनी निर्णय लेता है।

अवैध हिरासत -: अवैध हिरासत का मतलब है बिना उचित कारण या कानूनी प्रक्रिया के किसी को जेल या हिरासत में रखना। यह कानून के खिलाफ है।

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