असम के मोरीगांव में बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचे AICC और APCC की टीम
असम के मोरीगांव जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ और कटाव के कारण सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं। बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन कई लोग अभी भी सड़कों, पुलों, बांधों और ऊंचे स्थानों पर रह रहे हैं।
प्रभावित परिवारों की कठिनाइयाँ
दो बच्चों की माँ भारती राय ने बताया कि उनका घर और जमीन नदी के कटाव में बह गए और अब वे एक बांध पर अस्थायी झोपड़ी में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम बाढ़ के कारण बाहर काम की तलाश में नहीं जा सकते। हमें केवल राशन कार्ड का चावल मिलता है।”
एक अन्य पीड़िता, सीता ठाकुर ने बताया कि उनका परिवार भी नदी के कटाव में घर खो चुका है और अब वे एक बांध पर रह रहे हैं। उन्होंने कहा, “यहां लगभग 30-35 परिवार रह रहे हैं और हमें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।”
गागलमारी की वर्तमान स्थिति
गागलमारी गांव के निवासी रसीदुल ने बताया कि बाढ़ का पानी घट रहा है, लेकिन कई घर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं और लोग बांधों पर रह रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस गांव को जोड़ने वाली सड़क अभी भी बाढ़ में डूबी हुई है और यहां बाढ़ के कारण कई समस्याएं हैं।”
बाढ़ का प्रभाव
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, इस साल की बाढ़ ने 96 लोगों की जान ले ली है और 17 जिलों में 5.11 लाख लोगों को प्रभावित किया है। बाढ़ के पानी ने 21,236.46 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को डुबो दिया और 1,132 गांवों को प्रभावित किया।
AICC और APCC का दौरा
सोमवार को, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) और असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) की एक टीम ने बाढ़ प्रभावित मोरीगांव जिले का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की।