बॉम्बे हाई कोर्ट ने बाल यौन उत्पीड़न मामलों के लिए समिति बनाने का सुझाव दिया
बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस, अस्पतालों और स्कूलों में बाल यौन उत्पीड़न मामलों को संभालने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) बनाने के लिए एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया है। सुझाए गए सदस्यों में शामिल हैं:
- सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवणकर
- पूर्व न्यायाधीश साधना जाधव
- शालिनी फसालकर जोशी
कोर्ट ने वर्तमान जांच विधियों और बदलापुर नाबालिगों के मामले में POCSO अधिनियम के कार्यान्वयन पर चिंता व्यक्त की। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण ने जांच में खामियों को उजागर किया, विशेष रूप से केस डायरी लिखने के तरीके और फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए उठाए गए कदमों में। कोर्ट ने विस्तृत और सटीक केस डायरी और उचित जांच विधियों की आवश्यकता पर जोर दिया।
महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने फोरेंसिक विभाग में बैकलॉग और इसे साफ करने के प्रयासों का उल्लेख किया। कोर्ट ने पीड़ितों और उनके परिवारों को टेस्ट आइडेंटिफिकेशन परेड (TIP) से होने वाले आघात पर भी चर्चा की। सुनवाई 1 अक्टूबर तक स्थगित कर दी गई है।
Doubts Revealed
बॉम्बे हाई कोर्ट -: बॉम्बे हाई कोर्ट मुंबई, भारत में एक बड़ा कोर्ट है, जहाँ महत्वपूर्ण कानूनी मामलों का निर्णय लिया जाता है।
समिति -: समिति एक समूह होता है जिसे एक विशेष काम या कार्य करने के लिए चुना जाता है, जैसे नियम बनाना या समस्याओं का समाधान करना।
मानक संचालन प्रक्रियाएँ (SOPs) -: SOPs विस्तृत निर्देश होते हैं कि किसी विशेष कार्य को सही और सुरक्षित तरीके से कैसे करना है।
सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी -: एक आईपीएस अधिकारी भारत में एक उच्च-रैंकिंग पुलिस अधिकारी होता है। ‘सेवानिवृत्त’ का मतलब है कि उन्होंने काम करना बंद कर दिया है क्योंकि वे आराम करने के लिए पर्याप्त उम्र के हो गए हैं।
मीरा बोरवणकर -: मीरा बोरवणकर भारत में एक प्रसिद्ध पूर्व पुलिस अधिकारी हैं जिन्होंने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए काम किया।
पूर्व न्यायाधीश -: एक पूर्व न्यायाधीश वह व्यक्ति होता है जो पहले कोर्ट में मामलों का निर्णय करता था लेकिन अब काम करना बंद कर दिया है।
साधना जाधव -: साधना जाधव एक व्यक्ति हैं जो भारत में पहले न्यायाधीश थीं।
शालिनी फसालकर जोशी -: शालिनी फसालकर जोशी एक और व्यक्ति हैं जो भारत में पहले न्यायाधीश थीं।
POCSO अधिनियम -: POCSO अधिनियम भारत में एक कानून है जो बच्चों को यौन शोषण से बचाता है और उन लोगों को सजा देने में मदद करता है जो उन्हें नुकसान पहुँचाते हैं।
बदलापुर नाबालिगों का मामला -: यह एक विशेष मामला है जहाँ बदलापुर, भारत में बच्चों को नुकसान पहुँचाया गया था, और कोर्ट यह देख रही है कि इसे कैसे संभाला गया।
सुनवाई -: सुनवाई कोर्ट में एक बैठक होती है जहाँ लोग एक मामले के बारे में बात करते हैं और न्यायाधीश सुनता है कि आगे क्या करना है।
स्थगित -: स्थगित का मतलब है कि कोर्ट की बैठक को रोक दिया गया है और यह बाद में फिर से शुरू होगी।