सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के दिशा-निर्देश लागू करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के दिशा-निर्देश लागू करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के दिशा-निर्देश लागू करने का आदेश दिया

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार के बच्चों की सुरक्षा और सुरक्षा के दिशा-निर्देशों को लागू करने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) इन दिशा-निर्देशों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय करेगा।

पृष्ठभूमि

यह निर्णय स्कूलों में कई यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बाद आया है, जिसमें महाराष्ट्र के बदलापुर में एक दुखद मामला शामिल है, जहां दो स्कूली छात्राओं के साथ एक स्टाफ सदस्य द्वारा कथित रूप से बलात्कार किया गया था। ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ नामक एक एनजीओ ने इन दिशा-निर्देशों के प्रवर्तन की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था।

दिशा-निर्देशों का विवरण

मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा NCPCR के साथ परामर्श करके विकसित किए गए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराना है। ये दिशा-निर्देश पहली बार 20 अगस्त, 2018 को तैयार किए गए थे और बाद में 1 अक्टूबर, 2021 को अपडेट किए गए थे।

लागू करना और निगरानी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इन दिशा-निर्देशों की प्रतियां सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों या समकक्ष अधिकारियों को भेजने के लिए कहा है। NCPCR को समन्वय और निगरानी का कार्य सौंपा गया है और वह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्थिति रिपोर्ट मांगेगा।

एनजीओ की चिंताएं

‘बचपन बचाओ आंदोलन’ का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने अदालत को सूचित किया कि अब तक केवल पांच राज्यों ने इन दिशा-निर्देशों को लागू किया है। एनजीओ ने जोर देकर कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा इन दिशा-निर्देशों को अधिसूचित करने में विफलता के कारण बच्चों की सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है।

एनजीओ द्वारा दायर याचिका 6 मई, 2019 की है और स्कूलों में दुर्व्यवहार और हमलों की घटनाओं को रोकने के लिए इन दिशा-निर्देशों को लागू करने की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है।

Doubts Revealed


सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत का सबसे उच्च न्यायालय है। यह महत्वपूर्ण निर्णय लेता है जिन्हें देश के सभी लोगों को मानना पड़ता है।

केंद्र के दिशा-निर्देश -: ये नियम भारत की केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए हैं ताकि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

राज्य और केंद्र शासित प्रदेश -: भारत को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया है। राज्य बड़े क्षेत्र होते हैं जिनकी अपनी सरकार होती है, और केंद्र शासित प्रदेश छोटे क्षेत्र होते हैं जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) -: NCPCR एक समूह है जो यह सुनिश्चित करने के लिए काम करता है कि भारत में बच्चे सुरक्षित हों और उनके अधिकारों की रक्षा हो।

एनजीओ -: एनजीओ एक गैर-सरकारी संगठन है। यह एक समूह है जो लोगों की मदद करने और समस्याओं को हल करने के लिए काम करता है, लेकिन यह सरकार का हिस्सा नहीं होता।

यौन उत्पीड़न -: यौन उत्पीड़न तब होता है जब किसी को बहुत बुरी तरह से चोट पहुंचाई जाती है जिसमें उनके निजी अंगों को छूना या नुकसान पहुंचाना शामिल होता है। यह एक गंभीर अपराध है।

स्कूल प्रबंधन -: स्कूल प्रबंधन में प्रधानाचार्य और अन्य लोग शामिल होते हैं जो स्कूल को चलाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि सब कुछ ठीक से काम कर रहा हो।

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