भारत और जर्मनी की 7वीं अंतर सरकारी परामर्श बैठक: नई दिल्ली में आयोजन

भारत और जर्मनी की 7वीं अंतर सरकारी परामर्श बैठक: नई दिल्ली में आयोजन

भारत और जर्मनी की 7वीं अंतर सरकारी परामर्श बैठक

सारांश

भारत और जर्मनी के बीच 7वीं अंतर सरकारी परामर्श (IGC) बैठक 25 और 26 अक्टूबर को नई दिल्ली में होगी। इस बैठक की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ करेंगे। यह द्विवार्षिक आयोजन 2011 में शुरू हुआ था, जो दोनों देशों को कैबिनेट स्तर पर सहयोग की समीक्षा करने और नए क्षेत्रों में जुड़ाव की संभावनाओं का पता लगाने का अवसर देता है।

मुख्य क्षेत्र

इस वर्ष की IGC में तकनीक, स्थिरता, हरित परिवर्तन, प्रवास, गतिशीलता और नवाचार पर जोर दिया जाएगा। चर्चाएं 2023 में चांसलर शोल्ज़ की भारत यात्रा के दौरान जारी भारत-जर्मनी दृष्टि दस्तावेज़ पर आधारित होंगी। इसके अलावा, रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग

भारत और जर्मनी विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग के 50 वर्ष मना रहे हैं। इस साझेदारी ने अंतरिक्ष अनुसंधान, एआई, स्थिरता और अन्य क्षेत्रों में परियोजनाओं को जन्म दिया है। 2022 में बर्लिन में 6वीं IGC के दौरान, दोनों देशों ने हरित विकास पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें एक महत्वपूर्ण हरित और स्थायी विकास साझेदारी शामिल है।

हाल के विकास

जर्मनी ने भारत-केंद्रित दो दस्तावेज़ जारी किए हैं: ‘फोकस ऑन इंडिया’ नामक एक भारत रणनीति और एक कुशल श्रम रणनीति, जिसका उद्देश्य भारत से जर्मनी तक कार्यबल गतिशीलता में सुधार करना है। ये रणनीतियाँ भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए जर्मनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

आर्थिक और विकास साझेदारी

जर्मनी यूरोपीय संघ में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, 2023 में व्यापार 33.33 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। भारत में 2000 से अधिक जर्मन कंपनियाँ कार्यरत हैं, जो एक मजबूत आर्थिक साझेदारी में योगदान देती हैं। विकास सहयोग 60 वर्षों से द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख घटक रहा है, जिसमें नागपुर मेट्रो रेल और हरित ऊर्जा गलियारों जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं।

प्रवास और गतिशीलता

प्रवास और गतिशीलता भारत-जर्मनी संबंधों के महत्वपूर्ण तत्व हैं। लगभग 2.5 लाख भारतीय नागरिक जर्मनी में रहते हैं, और भारतीय छात्र जर्मन विश्वविद्यालयों में सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय छात्र समूह बनाते हैं। प्रवास और गतिशीलता साझेदारी समझौता दिसंबर 2022 में हस्ताक्षरित हुआ था।

आगामी कार्यक्रम

भारत 24-26 अक्टूबर, 2024 को नई दिल्ली में 18वीं एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस (APK) की मेजबानी करेगा। यह आयोजन दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ावा देगा, जिसमें लगभग 650 व्यापारिक नेता और सीईओ भाग लेंगे।

Doubts Revealed


इंटर गवर्नमेंटल कंसल्टेशन्स (IGC) -: इंटर गवर्नमेंटल कंसल्टेशन्स (IGC) वे बैठकें हैं जहाँ दो देशों के नेता महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने और एक साथ काम करने की योजनाएँ बनाने के लिए मिलते हैं। इस मामले में, यह भारत और जर्मनी के बीच की बैठक है।

पीएम मोदी -: पीएम मोदी का मतलब नरेंद्र मोदी है, जो भारत के प्रधानमंत्री हैं। वह भारतीय सरकार के नेता हैं।

चांसलर शोल्ज़ -: चांसलर शोल्ज़ ओलाफ शोल्ज़ हैं, जो जर्मनी के चांसलर हैं। वह जर्मन सरकार के प्रमुख हैं।

सस्टेनेबिलिटी -: सस्टेनेबिलिटी का मतलब है संसाधनों का उपयोग इस तरह से करना जो पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाए और लंबे समय तक बनाए रखा जा सके। इसमें भविष्य की पीढ़ियों के लिए ग्रह की देखभाल करना शामिल है।

रक्षा सहयोग -: रक्षा सहयोग का मतलब है कि दो देश अपनी सैन्य और सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए एक साथ काम करते हैं। इसमें प्रौद्योगिकी साझा करना, प्रशिक्षण और रणनीतियाँ शामिल हो सकती हैं ताकि दोनों देश सुरक्षित रहें।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग -: विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग तब होता है जब दो देश वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास पर एक साथ काम करते हैं। इसमें अंतरिक्ष अनुसंधान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे परियोजनाएँ शामिल हो सकती हैं।

एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस -: एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस एक बैठक है जहाँ जर्मन व्यवसाय एशिया-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार और आर्थिक अवसरों पर चर्चा करते हैं। यह जर्मनी और एशिया के देशों, जिसमें भारत भी शामिल है, के बीच व्यापार संबंधों को सुधारने में मदद करता है।

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