जो रूट ने जॉनी बेयरस्टो के विवादास्पद स्टंपिंग पर अपनी राय साझा की

जो रूट ने जॉनी बेयरस्टो के विवादास्पद स्टंपिंग पर अपनी राय साझा की

जो रूट ने जॉनी बेयरस्टो के विवादास्पद स्टंपिंग पर अपनी राय साझा की

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेट कप्तान जो रूट ने पिछले साल एशेज सीरीज में जॉनी बेयरस्टो-अलेक्स कैरी स्टंपिंग विवाद पर अपनी चौंकाने वाली राय साझा की। रूट ने कहा कि स्टंपिंग खेल के नियमों के भीतर थी और खिलाड़ियों की जागरूकता के महत्व पर जोर दिया।

विवादास्पद स्टंपिंग

पिछले साल जुलाई में एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट के दौरान, जॉनी बेयरस्टो को ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर अलेक्स कैरी ने सिर्फ 10 रन पर स्टंप आउट कर दिया था। बेयरस्टो ने यह मान लिया था कि गेंद डेड हो गई है और क्रीज से बाहर निकल गए थे। कैरी ने तेजी से उन्हें स्टंप आउट कर दिया, जिससे इंग्लैंड 371 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 327 रनों पर ऑल आउट हो गया। यह आउट होना ऑस्ट्रेलिया के लिए महत्वपूर्ण क्षण था, क्योंकि इससे वे सीरीज में 2-0 की बढ़त बना सके।

प्रतिक्रियाएं और बहस

खेल के चौथे दिन हुई इस स्टंपिंग ने हाल के एशेज इतिहास में सबसे बड़े विवादों में से एक को जन्म दिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम को लॉर्ड्स स्टेडियम के लॉन्ग रूम में मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के सदस्यों से गालियां मिलीं। ‘स्पिरिट ऑफ क्रिकेट’ पर बहस छिड़ गई, जिसमें कई प्रशंसकों और विशेषज्ञों ने तर्क दिया कि बेयरस्टो को चेतावनी दी जानी चाहिए थी या आउट नहीं किया जाना चाहिए था। हालांकि, क्रिकेट के नियमों के अनुसार यह आउट वैध था।

रूट का दृष्टिकोण

इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की डॉक्यूमेंट्री ‘द एशेज 2023 आवर टेक’ में रूट ने कहा, “शुरुआत में मैं काफी गुस्से में था, लेकिन जब आप खेल में शामिल होते हैं तो दूसरी स्थिति में खुद को रखना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि मैंने इसे (ऑस्ट्रेलिया से) अलग तरीके से निपटाया होता, लेकिन मैं भी आसानी से वही कर सकता था। जॉनी मुझे यह कहते हुए नफरत करेगा, लेकिन अगर आप अपनी क्रीज में रहते हैं तो आप आउट नहीं हो सकते, क्या आप कर सकते हैं? अंत में यह खेल के नियमों के भीतर है। आपको एक खिलाड़ी के रूप में जागरूक होना चाहिए।”

इंग्लैंड की वापसी

रूट ने अपने कप्तान बेन स्टोक्स की भी प्रशंसा की, जिन्होंने विवाद के बाद टीम को 2-2 की बराबरी पर लाने में मदद की। इस रन आउट ने इंग्लैंड को ऊर्जा दी, जिसने तीसरे और पांचवें टेस्ट में शानदार जीत हासिल की। वे मैनचेस्टर में चौथा टेस्ट भी जीत सकते थे अगर बारिश ने बाधा नहीं डाली होती। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज ड्रॉ करके एशेज अर्न को बरकरार रखा, लेकिन वे 2001 के बाद पहली बार इंग्लैंड में सीरीज नहीं जीत सके।

रूट ने निष्कर्ष निकाला, “यह (लॉर्ड्स) परिणाम हमारे लिए गलत दिशा में जाने के लिए अधिक योग्य था। इंग्लैंड के कप्तान ने हमें दिखाया कि हम अपनी क्रिकेट कैसे खेलते हैं, चाहे स्थिति कुछ भी हो, चाहे पहले पारी में लोगों ने क्या कहा हो, हम कैसे आउट हुए, लापरवाह, बेपरवाह, इसके पीछे कोई विचार नहीं था। यह हमारे लिए एक टीम के रूप में और बाकी सीरीज के लिए भी एक बहुत ही शक्तिशाली क्षण था।”

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