भारत और आसियान: बदलती दुनिया में साझेदारी की नई संभावनाएं

भारत और आसियान: बदलती दुनिया में साझेदारी की नई संभावनाएं

भारत और आसियान: बदलती दुनिया में साझेदारी

एस जयशंकर का मुख्य भाषण

हाल ही में सिंगापुर में आयोजित 8वें आसियान-भारत नेटवर्क ऑफ थिंक टैंक्स के गोलमेज सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और क्वाड की वैश्विक भलाई में भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया पुनः वैश्वीकरण की ओर बढ़ रही है, जिसमें वैश्विक विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखलाएं परिवर्तनशील हैं।

भारत-आसियान साझेदारी

जयशंकर ने भारत-आसियान साझेदारी की संभावनाओं को उजागर किया, जो अब अपने चौथे दशक में है। उन्होंने कहा कि दोनों क्षेत्र एक-दूसरे का समर्थन कर सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण ताकत बन सकते हैं। यह साझेदारी सहयोग के ठोस ट्रैक रिकॉर्ड पर आधारित है, और इसमें हरित प्रौद्योगिकी, डिजिटल प्लेटफॉर्म और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसर हैं।

वैश्विक चुनौतियां और अवसर

मंत्री ने चीन के WTO में प्रवेश, 2008 के वित्तीय संकट और COVID-19 महामारी जैसे प्रमुख वैश्विक घटनाओं पर चर्चा की। उन्होंने एशिया में भू-राजनीतिक चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय कानून और स्थिरता के महत्व का भी उल्लेख किया।

भविष्य की संभावनाएं

जयशंकर ने मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं और विश्वसनीय साझेदारियों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत के विनिर्माण और बुनियादी ढांचे के विस्तार के प्रयासों और कौशल और प्रतिभाओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। मंत्री ने त्रिपक्षीय राजमार्ग और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे जैसे कनेक्टिविटी परियोजनाओं के महत्व को भी रेखांकित किया।

सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध

जयशंकर ने भारत और आसियान के बीच गहरे सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों पर जोर दिया, जो लोगों के बीच समझ और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Doubts Revealed


एस जयशंकर -: एस जयशंकर भारत के विदेश मंत्री हैं। वह भारत के विदेशी संबंधों और अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं।

आसियान -: आसियान का मतलब दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ है। यह दक्षिण पूर्व एशिया के 10 देशों का समूह है जो क्षेत्र में आर्थिक विकास और शांति को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करते हैं।

इंडो-पैसिफिक -: इंडो-पैसिफिक एक क्षेत्र है जिसमें हिंद महासागर और प्रशांत महासागर शामिल हैं। यह व्यापार और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, और कई देश, जिनमें भारत भी शामिल है, इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

क्वाड -: क्वाड चार देशों का समूह है: भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया। वे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा, व्यापार, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं।

डब्ल्यूटीओ -: डब्ल्यूटीओ का मतलब विश्व व्यापार संगठन है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो देशों को एक-दूसरे के साथ व्यापार करने में मदद करता है, नियम बनाकर और विवादों को सुलझाकर।

2008 वित्तीय संकट -: 2008 का वित्तीय संकट एक वैश्विक आर्थिक मंदी थी जो संयुक्त राज्य अमेरिका में शुरू हुई थी। इसने कई देशों को प्रभावित किया, जिनमें भारत भी शामिल है, और नौकरी के नुकसान और वित्तीय अस्थिरता का कारण बना।

कोविड-19 -: कोविड-19 एक बीमारी है जो कोरोनावायरस के कारण होती है और 2019 में विश्वभर में फैली। इसने एक वैश्विक महामारी का रूप ले लिया, जिससे स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्थाओं और दैनिक जीवन पर प्रभाव पड़ा।

लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं -: लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं वे प्रणालियाँ हैं जो प्राकृतिक आपदाओं या महामारियों जैसी बाधाओं के बावजूद भी कार्य कर सकती हैं। वे यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि वस्तुएं और सेवाएं बिना रुकावट के लोगों तक पहुंचें।

सांस्कृतिक संबंध -: सांस्कृतिक संबंध देशों के बीच साझा परंपराओं, भाषाओं, और इतिहासों को संदर्भित करते हैं। भारत और आसियान देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध हैं जो उनके संबंधों को मजबूत करने में मदद करते हैं।

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