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जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने ज्ञानवापी परिसर पर अदालत के फैसले को चुनौती दी

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने ज्ञानवापी परिसर पर अदालत के फैसले को चुनौती दी

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने ज्ञानवापी परिसर पर अदालत के फैसले को चुनौती देने की योजना बनाई

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में, आध्यात्मिक नेता जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य ने उच्च न्यायालयों में जाने की योजना की घोषणा की है। यह निर्णय वाराणसी अदालत द्वारा ज्ञानवापी परिसर में अतिरिक्त सर्वेक्षण के लिए याचिका खारिज करने के बाद लिया गया। यह याचिका हिंदू पक्ष द्वारा दायर की गई थी, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की जांच की मांग की गई थी ताकि केंद्रीय गुंबद के नीचे शिवलिंग होने के दावे की पुष्टि की जा सके। अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने निराशा व्यक्त की और 30 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में फैसले को चुनौती देने की योजना बनाई। यह मामला, जो 1991 से चल रहा है, ज्ञानवापी स्थल पर पूजा और मंदिर निर्माण के अधिकारों से संबंधित है।

मामले की पृष्ठभूमि

मामला, भगवान विशेष्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति, 33 वर्षों से प्रगति पर है। हिंदू पक्ष ज्ञानवापी परिसर के भीतर पूजा और मंदिर निर्माण के अधिकार सुरक्षित करने का प्रयास कर रहा है। हाल ही में अदालत के फैसले ने उनके 4×4 फीट खुदाई और एएसआई सर्वेक्षण के अनुरोध को खारिज कर दिया, जिससे अपील की योजना बनाई गई।

प्रतिक्रियाएं और अगले कदम

अधिवक्ता रस्तोगी ने इस फैसले की आलोचना की, इसे नियमों और तथ्यों के विपरीत बताया, और एक विविध एएसआई सर्वेक्षण टीम के लिए पिछले आदेश का हवाला दिया। हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी आशावादी बने हुए हैं, यह कहते हुए कि सभी कानूनी रास्ते खुले हैं, जिसमें जिला और उच्च न्यायालय की अपील शामिल है। हिंदू पक्ष मंदिर परिसर के व्यापक सर्वेक्षण को सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

Doubts Revealed


जगद्गुरु रामभद्राचार्य -: जगद्गुरु रामभद्राचार्य भारत में एक सम्मानित हिंदू धार्मिक नेता और विद्वान हैं। वे हिंदू शास्त्रों और शिक्षाओं के गहरे ज्ञान के लिए जाने जाते हैं।

वाराणसी कोर्ट -: वाराणसी कोर्ट भारत के वाराणसी शहर में एक कानूनी संस्था है। यह क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले कानूनी मामलों और विवादों को संभालती है।

ज्ञानवापी परिसर -: ज्ञानवापी परिसर वाराणसी, भारत में एक धार्मिक स्थल है। यह हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, और इसके उपयोग और स्वामित्व को लेकर कानूनी विवाद रहे हैं।

एएसआई सर्वेक्षण -: एएसआई का मतलब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण है, जो भारत में पुरातात्विक अनुसंधान और सांस्कृतिक स्मारकों के संरक्षण के लिए जिम्मेदार एक सरकारी एजेंसी है। एक एएसआई सर्वेक्षण में किसी स्थल की इतिहास और महत्व के बारे में अधिक जानने के लिए जांच शामिल होती है।

शिवलिंग -: शिवलिंग भगवान शिव का एक प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व है, जो हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं। यह अक्सर मंदिरों में पाया जाता है और हिंदुओं के लिए पूजा का एक वस्तु है।

वकील विजय शंकर रस्तोगी -: वकील विजय शंकर रस्तोगी ज्ञानवापी परिसर के संबंध में कानूनी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हैं। वे अदालत में उनके तर्क प्रस्तुत करने के लिए जिम्मेदार हैं।

1991 -: वर्ष 1991 वह समय है जब ज्ञानवापी परिसर के संबंध में कानूनी मामला शुरू हुआ। यह कई वर्षों से चल रहा है, जिसमें जटिल कानूनी और धार्मिक मुद्दे शामिल हैं।
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