विशाखापत्तनम में मलाबार 2024: अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत

विशाखापत्तनम में मलाबार 2024: अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत

विशाखापत्तनम में मलाबार 2024: अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत

मलाबार 2024 नौसैनिक अभ्यास का आयोजन विशाखापत्तनम, भारत में हुआ, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका की नौसेनाएं शामिल हुईं। यह अभ्यास 1992 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय कार्यक्रम के रूप में शुरू हुआ था और अब इसका 28वां संस्करण है। इस अभ्यास का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देना है।

उद्घाटन समारोह और उद्देश्य

भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल राजेश पेंढरकर ने इस अभ्यास की भूमिका को ऑपरेशनल समन्वय और मित्रता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण बताया। अमेरिकी पैसिफिक फ्लीट के एडमिरल स्टीव कोहलर ने इस अभ्यास की युद्ध तत्परता और समुद्री एकीकरण को बढ़ाने में महत्व को रेखांकित किया।

भाग लेने वाली सेनाएं और गतिविधियाँ

इस अभ्यास में चार देशों के आठ जहाज और लगभग एक दर्जन विमान शामिल हैं, जिनकी गतिविधियाँ बंगाल की खाड़ी में आयोजित की जाएंगी। समुद्र में अभ्यास सतह, उप-सतह, वायु और सूचना क्षेत्रों को कवर करेगा। प्रमुख प्रतिभागियों में अमेरिकी नौसेना का यूएसएस डेवी, जापान का जेएस अरियाके, ऑस्ट्रेलिया का एचएमएएस स्टुअर्ट और भारत का आईएनएस दिल्ली शामिल हैं।

महत्व और भविष्य की संभावनाएँ

जापान के वाइस एडमिरल कात्सुशी ओमाची और ऑस्ट्रेलिया के कमोडोर जोनाथन ले ने इस अभ्यास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, इसे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान देने वाला बताया। इस अभ्यास का नेतृत्व हर साल भाग लेने वाले देशों के बीच घुमाया जाता है, जो पश्चिमी प्रशांत और हिंद महासागर में उनके संयुक्त क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।

Doubts Revealed


मालाबार 2024 -: मालाबार 2024 एक बड़ा नौसैनिक अभ्यास है जहाँ भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, और अमेरिका समुद्र में एक साथ काम करने का अभ्यास करते हैं। यह उनकी नौसेनाओं के लिए एक टीम गेम की तरह है जिससे वे सीखते और सुधारते हैं।

विशाखापत्तनम -: विशाखापत्तनम भारत में एक शहर है, जो पूर्वी तट पर स्थित है। यह अपनी सुंदर समुद्र तटों के लिए जाना जाता है और भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।

नौसैनिक अभ्यास -: नौसैनिक अभ्यास वे अभ्यास गतिविधियाँ हैं जो नौसेनाएँ अपने कौशल और टीमवर्क को सुधारने के लिए करती हैं। ये देशों को एक साथ बेहतर काम करने और समुद्र को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।

इंडो-पैसिफिक -: इंडो-पैसिफिक एक बड़ा क्षेत्र है जिसमें हिंद महासागर और प्रशांत महासागर शामिल हैं। कई देश, जिनमें भारत भी शामिल है, इस क्षेत्र का हिस्सा हैं, और यह व्यापार और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

ऑपरेशनल सिनर्जी -: ऑपरेशनल सिनर्जी का मतलब है कि एक साथ सुचारू और प्रभावी ढंग से काम करना। नौसेनाओं के संदर्भ में, इसका मतलब है कि विभिन्न देशों की नौसेनाएँ अभ्यास के दौरान अच्छी तरह से सहयोग करती हैं।

क्षेत्रीय स्थिरता -: क्षेत्रीय स्थिरता का मतलब है कि एक क्षेत्र को शांतिपूर्ण और सुरक्षित रखना। देशों के लिए, इसका मतलब है कि उनके क्षेत्र में कोई संघर्ष या समस्या न हो।

पश्चिमी प्रशांत -: पश्चिमी प्रशांत प्रशांत महासागर का वह हिस्सा है जो जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के पास है। यह व्यापार और सैन्य गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

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