कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कोर्ट की जीत का जश्न मनाया

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कोर्ट की जीत का जश्न मनाया

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कोर्ट की जीत का जश्न मनाया

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार। (फाइल फोटो/X@DKShivakumar)

बेंगलुरु, कर्नाटक – उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ असंगत संपत्ति मामले में सीबीआई की याचिका खारिज करने के बाद अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने इस फैसले को ‘लोगों और सरकार की जीत’ कहा।

शिवकुमार ने कहा, “मुझे न्यायपालिका पर बहुत विश्वास था और आज मैं सही साबित हुआ हूँ। यह व्यक्तिगत जीत से अधिक लोगों और सरकार की जीत है। मैं सरकार और अपने कानूनी सलाहकारों का समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ।”

हाई कोर्ट के इस फैसले का मतलब है कि सीबीआई को या तो मामला छोड़ना होगा या सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी होगी। शिवकुमार ने न्यायपालिका में अपने विश्वास को दोहराते हुए कहा, “न्यायपालिका ने मुझे सुरक्षा दी है।”

कोर्ट ने कांग्रेस सरकार द्वारा मामले की जांच के लिए सहमति वापस लेने के खिलाफ सीबीआई की याचिका को खारिज कर दिया। अब इस मामले को आगे की जांच के लिए लोकायुक्त को सौंप दिया गया है।

शिवकुमार ने भाजपा पर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार पारदर्शिता को प्राथमिकता देती है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछली भाजपा सरकार इस मामले की जांच लोकायुक्त के माध्यम से कर सकती थी, लेकिन इसके बजाय इसे सीबीआई को सौंप दिया।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का मामला उनके खिलाफ खारिज कर दिया गया है और उन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेज लोकायुक्त को सौंप दिए हैं, जो वर्तमान में मामले की जांच कर रहा है।

शिवकुमार ने सीबीआई के 90% जांच पूरी करने के दावे पर सवाल उठाया और कहा कि बिना उनसे पूछताछ किए यह दावा कैसे किया जा सकता है। उन्होंने एक भाजपा नेता के खिलाफ झूठे दावे करने के लिए मानहानि का मामला दर्ज करने की भी बात कही।

जब उनसे भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के बयान के बारे में पूछा गया, तो शिवकुमार ने कहा, “अगर वह ऐसा करना चाहते हैं तो मैं मना नहीं करूंगा। लेकिन मुख्य सवाल यह है कि यतनाल का मेरे मामले में क्या रुचि है?”

शिवकुमार ने निष्कर्ष में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके खिलाफ साजिशें जारी रहेंगी, लेकिन वह आत्मविश्वास और शांति बनाए रखेंगे।

Doubts Revealed


कर्नाटक -: कर्नाटक भारत के दक्षिणी भाग में एक राज्य है। इसका एक समृद्ध इतिहास है और यह अपनी विविध संस्कृति और भाषाओं के लिए जाना जाता है।

उपमुख्यमंत्री -: उपमुख्यमंत्री राज्य सरकार में मुख्यमंत्री के ठीक नीचे दूसरे उच्चतम रैंकिंग अधिकारी होते हैं। वे राज्य चलाने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करते हैं।

डीके शिवकुमार -: डीके शिवकुमार कर्नाटक के एक राजनीतिज्ञ हैं। वे वर्तमान में राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में सेवा कर रहे हैं।

अदालत की जीत -: अदालत की जीत का मतलब है कि अदालत ने किसी के पक्ष में निर्णय लिया है। इस मामले में, इसका मतलब है कि डीके शिवकुमार ने मामला जीता।

असंगत संपत्ति मामला -: असंगत संपत्ति मामला तब होता है जब किसी पर उनकी ज्ञात आय के आधार पर अधिक धन और संपत्ति होने का आरोप लगाया जाता है। इसमें आमतौर पर यह जांच शामिल होती है कि संपत्ति कानूनी रूप से अधिग्रहित की गई थी या नहीं।

कर्नाटक उच्च न्यायालय -: कर्नाटक उच्च न्यायालय कर्नाटक राज्य का सर्वोच्च न्यायालय है। यह महत्वपूर्ण कानूनी निर्णय और न्यायिक निर्णय लेता है।

सीबीआई -: सीबीआई का मतलब केंद्रीय जांच ब्यूरो है। यह भारत की एक शीर्ष एजेंसी है जो गंभीर अपराधों और भ्रष्टाचार की जांच करती है।

निर्णय -: निर्णय एक कानूनी मामले में अदालत द्वारा लिया गया अंतिम निर्णय होता है। यह व्यक्ति के पक्ष में या खिलाफ हो सकता है।

न्यायपालिका -: न्यायपालिका वह प्रणाली है जो राज्य के नाम पर कानून की व्याख्या और अनुप्रयोग करती है। यह सुनिश्चित करती है कि न्याय किया जाए।

लोकायुक्त -: लोकायुक्त भारतीय राज्यों में एक भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल संगठन है। यह सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और कुप्रशासन के आरोपों की जांच करता है।

भाजपा -: भाजपा का मतलब भारतीय जनता पार्टी है। यह भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है।

पारदर्शिता -: पारदर्शिता का मतलब है खुलापन और ईमानदारी। सरकार में, इसका मतलब है कि कार्य और निर्णय इस तरह से किए जाते हैं कि हर कोई देख और समझ सके।

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