पुरी जिला प्रशासन ने श्री जगन्नाथ मंदिर के खजाने को अस्थायी भंडारण में स्थानांतरित किया

पुरी जिला प्रशासन ने श्री जगन्नाथ मंदिर के खजाने को अस्थायी भंडारण में स्थानांतरित किया

पुरी जिला प्रशासन ने श्री जगन्नाथ मंदिर के खजाने को अस्थायी भंडारण में स्थानांतरित किया

पुरी जिला प्रशासन ने घोषणा की है कि श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के अंदरूनी कक्षों से सभी कीमती सामान और आभूषण सरकारी एसओपी के अनुसार अस्थायी भंडारण में स्थानांतरित किए जाएंगे।

स्थानांतरण का विवरण

पुरी कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने बताया कि 11 सदस्यों की एक टीम सुबह 9:51 बजे से दोपहर 12:15 बजे के बीच रत्न भंडार के अंदरूनी कक्षों में प्रवेश करेगी और स्थानांतरण की प्रक्रिया को संभालेगी। यह टीम कीमती सामान की सूची बनाएगी और उनकी सुरक्षित स्थानांतरण सुनिश्चित करेगी।

चार दशकों बाद पुनः खुला

रत्न भंडार का अंदरूनी कक्ष चार दशकों से अधिक समय बाद 14 जुलाई को पुनः खोला गया। निरीक्षण समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिस्वनाथ रथ ने बताया कि पहले बाहरी कक्ष खोला गया था और 5-6 दिनों के बाद अंदरूनी कक्ष का विस्तृत सूचीकरण किया जाएगा।

सुरक्षा उपाय

श्री जगन्नाथ मंदिर कार्यालय के मुख्य प्रशासक अरविंद कुमार पाधी ने पुष्टि की कि बाहरी कक्ष से सभी कीमती सामान अस्थायी मजबूत कक्ष में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। इस प्रक्रिया में अंदरूनी कक्ष का ताला तोड़ना और आंतरिक रिकॉर्ड के लिए सूची बनाना शामिल है।

Doubts Revealed


पुरी जिला -: पुरी भारत के ओडिशा राज्य में एक स्थान है। यह श्री जगन्नाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।

श्री जगन्नाथ मंदिर -: यह पुरी, ओडिशा में एक बहुत प्रसिद्ध और पुराना मंदिर है, जो भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण के एक रूप को समर्पित है।

रत्न भंडार -: रत्न भंडार का मतलब है ‘खजाना घर’ मंदिर में जहां मूल्यवान वस्तुएं और आभूषण रखे जाते हैं।

एसओपी -: एसओपी का मतलब है स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर, जो विस्तृत, लिखित निर्देश होते हैं ताकि किसी विशेष कार्य को समानता से पूरा किया जा सके।

इन्वेंटरी -: इन्वेंटरी का मतलब है वस्तुओं की पूरी सूची जैसे संपत्ति, स्टॉक में माल, या किसी इमारत की सामग्री।

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