उत्तराखंड सरकार ने राज्य कर्मचारियों को RSS गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दी
उत्तराखंड सरकार ने घोषणा की है कि राज्य कर्मचारी अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों में भाग ले सकते हैं, बिना उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियम-2002 का उल्लंघन किए। यह निर्णय अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन द्वारा सूचित किया गया।
भागीदारी के दिशा-निर्देश
राज्य कर्मचारियों को RSS की सुबह और शाम की बैठकों, साथ ही अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति है, बशर्ते कि यह उनके आधिकारिक कर्तव्यों में हस्तक्षेप न करे। भागीदारी केवल सरकारी कार्यालय के समय से पहले और बाद में ही अनुमति है।
पिछले आदेशों को निरस्त करना
इस मामले पर सभी पिछले सरकारी आदेश अब निरस्त माने जाएंगे। यह निर्णय केंद्र सरकार के एक समान कदम के बाद आया है, जिसने सरकारी कर्मचारियों के RSS गतिविधियों में भाग लेने पर 58 साल पुराना प्रतिबंध हटा दिया है।
ऐतिहासिक संदर्भ
भाजपा नेता अमित मालवीय ने बताया कि 1966 में एक बड़े गोहत्या विरोधी प्रदर्शन के बाद मूल प्रतिबंध लगाया गया था। अब यह प्रतिबंध हटा दिया गया है, जिससे सरकारी कर्मचारी स्वतंत्र रूप से RSS गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।
Doubts Revealed
उत्तराखंड -: उत्तराखंड भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक राज्य है, जो अपनी सुंदर पहाड़ियों और हिमालय के लिए जाना जाता है।
आरएसएस -: आरएसएस का मतलब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है। यह एक भारतीय संगठन है जो हिंदू मूल्यों और संस्कृति को बढ़ावा देता है।
राज्य कर्मचारी -: राज्य कर्मचारी वे लोग होते हैं जो राज्य सरकार के लिए काम करते हैं, जैसे शिक्षक, पुलिस अधिकारी, और कार्यालय कर्मचारी।
आचरण नियम -: आचरण नियम वे दिशानिर्देश होते हैं जो कर्मचारियों को बताते हैं कि उन्हें कार्यस्थल पर कैसे व्यवहार करना चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव -: अतिरिक्त मुख्य सचिव राज्य सरकार में एक उच्च पदस्थ अधिकारी होते हैं जो महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करते हैं।
आनंद वर्धन -: आनंद वर्धन उस अतिरिक्त मुख्य सचिव का नाम है जिसने घोषणा की।
बीजेपी -: बीजेपी का मतलब भारतीय जनता पार्टी है, जो भारत की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी है।
अमित मालवीय -: अमित मालवीय बीजेपी के एक नेता हैं जिन्होंने इस निर्णय पर टिप्पणी की।
58 साल पुराना प्रतिबंध -: 58 साल पुराना प्रतिबंध का मतलब है कि पिछले 58 वर्षों से सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं थी।