उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर शहर में पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से अवैध हथियार बेचने वाले एक गिरोह को सफलतापूर्वक पकड़ लिया है। इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो खरीदार भी शामिल हैं। गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम आज़म रिज़वी, विवेक नगर, प्रतीक त्यागी, मनीष कुमार, ऋषभ प्रजापति, विशाल और प्रतीक हैं।
पुलिस ने आरोपियों से एक पिस्तौल, तीन बंदूकें और दो कारतूस बरामद किए हैं। मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापति ने बताया कि पुलिस को पिस्तौल की डिलीवरी के बारे में सूचना मिली थी। एक टीम को तैनात किया गया और डिलीवरी के दौरान खरीदार और विक्रेता दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार व्यक्तियों में विशाल और प्रतीक शामिल थे, जो पिस्तौल खरीदने आए थे, और पांच अन्य लोग जैसे आज़म रिज़वी, विवेक नगर, प्रतीक त्यागी, मनीष कुमार और ऋषभ प्रजापति, जो डिलीवरी में शामिल थे।
गिरोह विभिन्न व्यक्तियों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से सौदे करता था और नकद या बैंक ट्रांसफर के माध्यम से भुगतान स्वीकार करता था। जांच जारी है और आगे की जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।
मुज़फ्फरनगर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है। यह अपनी समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है और भारत के उत्तरी भाग में स्थित है।
इस संदर्भ में, 'हथियार' का मतलब बंदूकें और पिस्तौल जैसे हथियारों से है। ये खतरनाक वस्तुएं हैं जो आमतौर पर पुलिस या सेना द्वारा उपयोग की जाती हैं, और इन्हें अवैध रूप से बेचना अपराध है।
सोशल मीडिया ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं जहां लोग संवाद कर सकते हैं और जानकारी साझा कर सकते हैं, जैसे फेसबुक या इंस्टाग्राम। इस मामले में, गिरोह इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग हथियार बेचने के लिए कर रहा था, जो कि अवैध है।
एसपी सिटी का मतलब पुलिस अधीक्षक, शहर से है। यह एक उच्च-रैंकिंग पुलिस अधिकारी होता है जो शहर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है।
सूचना एक गुप्त जानकारी होती है जो पुलिस को अवैध गतिविधियों के बारे में दी जाती है। यह पुलिस को अपराधियों को पकड़ने में मदद करती है।
कारतूस बंदूक के वे हिस्से होते हैं जिनमें गोली और बारूद होता है। इन्हें बंदूक चलाने के लिए आवश्यक होता है।
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