रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इन प्रतिबंधों ने दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचाया है। पुतिन ने ब्रिक्स देशों के पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ये प्रतिबंध अमेरिका के हितों को भी नुकसान पहुंचाते हैं और अमेरिका को अपनी नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय अमेरिकी डॉलर के राजनीतिक कारणों से सीमित उपयोग पर सवाल उठा रहा है।
पुतिन ने अमेरिका द्वारा चीन की आर्थिक वृद्धि को धीमा करने के प्रयासों को भी निरर्थक बताया। उन्होंने चीन की प्रगति को रोकने की कोशिश की तुलना सूरज को उगने से रोकने से की, जो कि असंभव है।
रूस 22-24 अक्टूबर को कज़ान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता शामिल होंगे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुतिन के निमंत्रण पर इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस जाएंगे। ब्रिक्स का गठन 2006 में हुआ था और बाद में इसमें दक्षिण अफ्रीका को भी शामिल किया गया।
व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति हैं। वह एक शक्तिशाली नेता हैं जो कई वर्षों से रूस का नेतृत्व कर रहे हैं।
प्रतिबंध ऐसे नियम या दंड हैं जो एक देश दूसरे पर लगाता है ताकि उनके व्यवहार को बदल सके। अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं ताकि उसके कार्यों को प्रभावित किया जा सके।
ब्रिक्स पांच देशों का समूह है: ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका। वे आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं।
अमेरिकी डॉलर संयुक्त राज्य अमेरिका में उपयोग की जाने वाली मुद्रा है। इसका मूल्य राजनीतिक निर्णयों से प्रभावित हो सकता है, जिसका मतलब है कि अन्य देशों की मुद्रा के मुकाबले इसका मूल्य बदल सकता है।
कज़ान रूस का एक शहर है। यह अपनी समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है और यहाँ 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित होगा।
पीएम मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। वह भारतीय सरकार के नेता हैं और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस का दौरा करेंगे।
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