अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा के आदेश वाले लोगों से बंदूकें लेने का आदेश दिया

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा के आदेश वाले लोगों से बंदूकें लेने का आदेश दिया

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा के आदेश वाले लोगों से बंदूकें लेने का आदेश दिया

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है कि सरकार उन लोगों से बंदूकें ले सकती है जिनके खिलाफ घरेलू हिंसा के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश हैं। यह फैसला संयुक्त राज्य बनाम रहिमी मामले में लिया गया और यह पिछले फैसलों से अलग है जो बंदूक अधिकारों के पक्ष में थे।

पृष्ठभूमि

2008 में, कोर्ट ने घर में आत्मरक्षा के लिए व्यक्तिगत रूप से बंदूक रखने के अधिकार को मान्यता दी थी। 2022 में, इस अधिकार को घर के बाहर बंदूक ले जाने तक बढ़ा दिया गया, जिससे निचली अदालतों में बंदूक नियंत्रण कानूनों को लेकर भ्रम पैदा हुआ।

मामला

यह मामला टेक्सास के जैकी रहिमी से संबंधित था, जिसने अपनी प्रेमिका पर हमला किया और उसे बंदूक से धमकाया। उसके खिलाफ प्रतिबंधात्मक आदेश था लेकिन उसने बंदूकों का दुरुपयोग जारी रखा, जिसके कारण उसे संघीय कानून के तहत अभियोजित किया गया।

फैसला

मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने बहुमत के लिए लिखते हुए कहा कि दूसरे संशोधन के अधिकारों की सीमाएं हैं। उन्होंने समझाया कि जो व्यक्ति एक विश्वसनीय खतरा पैदा करते हैं, उन्हें बंदूक रखने से प्रतिबंधित किया जा सकता है। न्यायमूर्ति क्लेरेंस थॉमस ने इस फैसले का विरोध किया, यह तर्क देते हुए कि सरकार को खतरनाक लोगों को आपराधिक हिंसा के लिए अभियोजित करना चाहिए।

प्रतिक्रियाएं

कानूनी विशेषज्ञ इस फैसले को बंदूक नियंत्रण समर्थकों के लिए एक जीत के रूप में देखते हैं। कानून प्रोफेसर एडम विंकलर ने कहा कि इससे बंदूक कानूनों को कानूनी चुनौतियों से बचाना आसान हो जाएगा। कोर्ट के तीन उदारवादी सदस्यों ने इस फैसले का स्वागत किया, यह कहते हुए कि इसने 2022 के फैसले को स्पष्ट किया।

निष्कर्ष

मुख्य न्यायाधीश रॉबर्ट्स ने निष्कर्ष निकाला कि जो व्यक्ति एक विश्वसनीय खतरा पैदा करते हैं, उन्हें अस्थायी रूप से निरस्त्र किया जा सकता है, जो दूसरे संशोधन के अनुरूप है। यह फैसला स्पष्टता प्रदान करने और सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने का उद्देश्य रखता है।

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