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बहराइच में ‘आदमखोर’ भेड़ियों की खोज: वन विभाग ने तेज की कोशिशें

बहराइच में ‘आदमखोर’ भेड़ियों की खोज: वन विभाग ने तेज की कोशिशें

बहराइच में ‘आदमखोर’ भेड़ियों की खोज: वन विभाग ने तेज की कोशिशें

उत्तर प्रदेश के बहराइच में ‘आदमखोर’ भेड़ियों की खोज तेज हो गई है। प्रभावित 30-35 किलोमीटर के क्षेत्र को चार सेक्टरों में बांटा गया है, जहां 165 वन कर्मी, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं, लगातार निगरानी कर रहे हैं।

समन्वय और रात की गश्त

वन विभाग, पुलिस विभाग और जिला प्रशासन ने समन्वय स्थापित किया है ताकि प्रभावित क्षेत्रों में रात की गश्त की जा सके, जिससे रात में कोई घटना नहीं हुई है।

वन विभाग के प्रयास

वन विभाग के महाप्रबंधक संजय पाठक ने बताया कि हताहतों की रिपोर्ट के बाद वन अधिकारी और अन्य अधिकारी सतर्क हो गए हैं। भेड़ियों को पकड़ने और ट्रैक करने के लिए ड्रोन और कैमरों का उपयोग किया जा रहा है। अब तक चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है।

पाठक ने भेड़ियों को ट्रैक करने की चुनौती पर जोर दिया, जिसमें 90% सार्वजनिक जानकारी गलत होती है। उन्होंने जनता से सही जानकारी देने की अपील की ताकि खोज टीमों की ऊर्जा व्यर्थ न हो।

अतिरिक्त उपाय

मुख्य वन संरक्षक केंद्रीय क्षेत्र, रेनू सिंह ने बताया कि भेड़ियों के बचाव के लिए सभी संसाधनों की निगरानी की जा रही है और भेड़ियों के दिखने पर प्रतिक्रिया समय को कम करने के निर्देश दिए गए हैं। भेड़ियों को ढूंढने के लिए थर्मल ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।

भेड़ियों की पारिस्थितिकी और जीवविज्ञान के विशेषज्ञ डॉक्टर खान भी इस अभियान में शामिल हैं।

पृष्ठभूमि

खोज अभियान एक दुखद भेड़िया हमले के बाद तेज हो गया, जिसमें एक तीन साल की बच्ची की मौत हो गई और दो महिलाएं घायल हो गईं, जिससे स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी फैल गई।

Doubts Revealed


आदमखोर -: ‘आदमखोर’ एक ऐसा जानवर है जिसने इंसानों पर हमला करना और उन्हें खाना शुरू कर दिया है। इस मामले में, यह उन भेड़ियों को संदर्भित करता है जिन्होंने लोगों पर हमला किया है।

बहराइच -: बहराइच उत्तर प्रदेश, भारत का एक जिला है। यह वह जगह है जहां खतरनाक भेड़ियों की खोज हो रही है।

वन विभाग -: वन विभाग एक सरकारी संगठन है जो जंगलों और वन्यजीवों का प्रबंधन करता है। वे भेड़ियों को पकड़ने के प्रभारी हैं।

क्षेत्र -: क्षेत्र विभिन्न भाग या क्षेत्र हैं जिनमें पूरे क्षेत्र को विभाजित किया गया है। इससे वन कर्मियों को अधिक प्रभावी ढंग से खोजने में मदद मिलती है।

वन कर्मी -: वन कर्मी वे लोग हैं जो वन विभाग के लिए काम करते हैं। इनमें रेंजर, अधिकारी और अन्य स्टाफ शामिल हैं जो जंगलों और वन्यजीवों की रक्षा करते हैं।

वरिष्ठ अधिकारी -: वरिष्ठ अधिकारी वन विभाग में उच्च रैंकिंग वाले अधिकारी होते हैं। उनके पास अधिक अनुभव होता है और वे महत्वपूर्ण कार्यों के प्रभारी होते हैं।

महाप्रबंधक संजय पाठक -: संजय पाठक वन विभाग में एक उच्च रैंकिंग वाले अधिकारी हैं। वह भेड़ियों की खोज का नेतृत्व करने में मदद कर रहे हैं।

मुख्य संरक्षक रेनू सिंह -: रेनू सिंह वन विभाग में एक और उच्च रैंकिंग वाली अधिकारी हैं। वह भी भेड़ियों को पकड़ने के प्रयासों का नेतृत्व कर रही हैं।

ड्रोन -: ड्रोन छोटे उड़ने वाले यंत्र होते हैं जिन्हें जमीन से नियंत्रित किया जाता है। इनमें कैमरे होते हैं और इन्हें आसमान से भेड़ियों की खोज के लिए उपयोग किया जाता है।

कैमरे -: कैमरे वे उपकरण होते हैं जिनका उपयोग तस्वीरें या वीडियो लेने के लिए किया जाता है। ये वन कर्मियों को भेड़ियों की निगरानी करने में मदद करते हैं।

दुखद भेड़िया हमला -: एक दुखद भेड़िया हमला एक बहुत ही दुखद घटना है जिसमें भेड़िये लोगों को चोट पहुंचाते हैं या मार देते हैं। इस मामले में, एक तीन साल की लड़की मारी गई और दो महिलाएं घायल हो गईं।
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