उत्तर प्रदेश में 10 नए पावर प्लांट से बिजली उत्पादन में 5255 मेगावाट की वृद्धि
उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, अगले तीन वर्षों में 10 नए थर्मल पावर प्लांट के माध्यम से बिजली उत्पादन में 5255 मेगावाट की वृद्धि करने की योजना बना रही है। इस वर्ष 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की उम्मीद है, जिससे बिजली की मांग में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
वर्तमान में, राज्य के सभी थर्मल पावर प्लांट लगभग 6500 मेगावाट बिजली का उत्पादन करते हैं। हालांकि, इस गर्मी में राज्य की बिजली की मांग 30,000 मेगावाट से अधिक हो गई, जिससे 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अन्य राज्यों और निजी क्षेत्र से बिजली खरीदनी पड़ी।
नए थर्मल पावर प्लांट
पावर प्लांट | क्षमता | अपेक्षित प्रारंभ तिथि |
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ओबरा सी यूनिट-2 | 660 मेगावाट | सितंबर 2024 |
जवाहरपुर यूनिट-2 | 660 मेगावाट | जुलाई 2024 |
घाटमपुर यूनिट-1 | 561 मेगावाट | जुलाई 2024 |
पंकी यूनिट | 660 मेगावाट | जुलाई 2024 |
घाटमपुर यूनिट-2 | 561 मेगावाट | दिसंबर 2024 |
घाटमपुर यूनिट-3 | 561 मेगावाट | मार्च 2025 |
खुर्जा एसटीपीपी यूनिट-1 | 396 मेगावाट | मई 2025 |
खुर्जा एसटीपीपी यूनिट-2 | 396 मेगावाट | मई 2025 |
सिंगरौली स्टेज थ्री यूनिट-1 | 400 मेगावाट | अगस्त 2027 |
सिंगरौली स्टेज थ्री यूनिट-2 | 400 मेगावाट | अगस्त 2027 |
भविष्य की विस्तार योजनाएं
2030 तक, राज्य तीन मौजूदा इकाइयों: ओबरा डी-2 (1600 मेगावाट), अनपरा ई-2 (1600 मेगावाट), और मेजा 2 (1920 मेगावाट) के विस्तार के माध्यम से अपनी बिजली उत्पादन क्षमता में 5120 मेगावाट की वृद्धि करने का लक्ष्य रखता है।
थर्मल पावर के अलावा, उत्तर प्रदेश में बिजली का उत्पादन हाइड्रो, पवन और सौर ऊर्जा स्रोतों से भी होता है। हालांकि, बिजली की खपत और उत्पादन के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर बना हुआ है, जो बिजली उत्पादन की पिछली उपेक्षा के कारण है।