जनजातीय गौरव दिवस पर पीएम मोदी से मिले तमिलनाडु के दंपति
तमिलनाडु के अरियालुर जिले के धर्मदुरई और उनकी पत्नी एझिलारसी जनजातीय गौरव दिवस के दौरान बिहार के जमुई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर बहुत खुश हुए। यह दंपति इरुला जनजाति से हैं और उन्होंने जनजातीय उत्पादों का एक स्टॉल लगाया था। उन्होंने तमिलनाडु सरकार और अधिकारियों का धन्यवाद किया जिन्होंने उन्हें प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी लेने का अवसर दिया।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में लगे स्टॉलों का दौरा किया, जिसमें धर्मदुरई और एझिलारसी का स्टॉल भी शामिल था। दंपति ने तमिलनाडु सरकार, मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और अन्य अधिकारियों का उनके भागीदारी को संभव बनाने के लिए धन्यवाद किया। एझिलारसी ने प्रधानमंत्री से मिलने और उनके साथ सेल्फी लेने की अपनी खुशी साझा की।
जमुई में पीएम मोदी की यात्रा
जमुई की अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने जनजातीय नेता भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो उनकी 150वीं जयंती समारोह की शुरुआत थी। उन्होंने 6,640 करोड़ रुपये के विकास परियोजनाओं का अनावरण किया, जो जनजातीय कल्याण, बुनियादी ढांचे के सुधार और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों पर केंद्रित हैं।
Doubts Revealed
पीएम मोदी -: पीएम मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। वह देश के नेता हैं और राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।
धर्मदुरई और एझिलारसी -: धर्मदुरई और एझिलारसी तमिलनाडु के अरियालुर जिले से एक दंपति हैं। उन्होंने बिहार में एक कार्यक्रम में भाग लिया और पीएम मोदी से मिले।
जनजातीय गौरव दिवस -: जनजातीय गौरव दिवस भारत में जनजातीय समुदायों के योगदान को मनाने और सम्मानित करने का दिन है। यह एक विशेष कार्यक्रम है जहां लोग जनजातीय लोगों की संस्कृति और इतिहास को याद करते हैं और सराहना करते हैं।
बिहार -: बिहार भारत के पूर्वी भाग में एक राज्य है। यह अपनी समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है।
अरियालुर जिला -: अरियालुर जिला तमिलनाडु राज्य में एक क्षेत्र है। यह अपने सीमेंट उद्योगों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है।
जनजातीय उत्पाद -: जनजातीय उत्पाद वे वस्तुएं हैं जो जनजातीय समुदायों द्वारा बनाई जाती हैं। इनमें शिल्प, वस्त्र और अन्य हस्तनिर्मित वस्तुएं शामिल हो सकती हैं जो उनकी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती हैं।
भगवान बिरसा मुंडा -: भगवान बिरसा मुंडा भारत में एक जनजातीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्हें ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई और जनजातीय लोगों के अधिकारों के लिए उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है।
रु 6,640 करोड़ -: रु 6,640 करोड़ एक बड़ी राशि है, जहां ‘रु’ भारतीय रुपये के लिए खड़ा है। इस पैसे का उपयोग विकास परियोजनाओं के लिए किया जाना है ताकि बिहार में जनजातीय लोगों के जीवन को बेहतर बनाया जा सके।