शिमला में ‘वर्तालाप’ कार्यशाला में नए आपराधिक कानूनों की व्याख्या

शिमला में ‘वर्तालाप’ कार्यशाला में नए आपराधिक कानूनों की व्याख्या

शिमला में ‘वर्तालाप’ कार्यशाला में नए आपराधिक कानूनों की व्याख्या

26 जून को, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के शिमला में ‘वर्तालाप’ नामक एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मीडिया को तीन नए आपराधिक कानूनों: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, भारतीय न्याय संहिता, 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के बारे में समझाना था, जो 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होंगे।

मुख्य बातें

मुख्य अतिथि, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) अभिषेक त्रिवेदी ने बताया कि 1 जुलाई, 2024 की मध्यरात्रि से दर्ज किए गए सभी मामलों में नए कानून लागू होंगे। उन्होंने उल्लेख किया कि सभी स्तरों पर अधिकारियों को व्यापक प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें न्यायिक, फोरेंसिक और जेल अधिकारी शामिल हैं।

तकनीकी प्रगति

ADGP त्रिवेदी ने बताया कि नए कानूनों में तकनीक पर जोर दिया गया है, जैसे कि ई-एफआईआर और मोबाइल एप्लिकेशन। किसी भी जब्ती के लिए अब वीडियोग्राफी आवश्यक होगी। उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा विकसित एक मुफ्त ऐप ‘संकलन’ का भी परिचय दिया, जो लोगों को कानूनों में बदलाव को समझने में मदद करेगा।

जन जागरूकता

त्रिवेदी ने जन जागरूकता के महत्व पर जोर दिया, यह बताते हुए कि सभी को नए कानूनों के बारे में सीखना चाहिए और जानकारी फैलानी चाहिए। उन्होंने उल्लेख किया कि पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो ने शैक्षिक वीडियो उपलब्ध कराए हैं।

नए कानूनों का विवरण

कानून परिवर्तन
भारतीय न्याय संहिता 358 धाराएं, 20 नए अपराध, बढ़े हुए जुर्माने और सजा, सामुदायिक सेवा दंड
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 531 धाराएं, 177 परिवर्तन, नए प्रावधान, ऑडियो-वीडियो आवश्यकताएं
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 170 प्रावधान, 24 परिवर्तन, नए उप-प्रावधान

त्रिवेदी ने निष्कर्ष निकाला कि नए कानून आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी, मजबूत और प्रभावी बनाएंगे।

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