पश्चिम त्रिपुरा के मजिस्ट्रेट डॉ. विशाल कुमार ने नए आपराधिक कानूनों की व्याख्या की
पश्चिम त्रिपुरा के जिला मजिस्ट्रेट डॉ. विशाल कुमार ने घोषणा की है कि न्याय प्रक्रिया को सरल और पीड़ितों के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए नए आपराधिक कानून लागू किए गए हैं। इन कानूनों का उद्देश्य तेजी से न्याय प्रदान करना, न्यायिक प्रणाली में लंबित मामलों को कम करना और अधिक लोगों को कानूनी सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
नए कानूनों में मुख्य बदलाव
डॉ. कुमार ने बताया कि नए कानून उन समस्याओं को संबोधित करते हैं जिनका सामना विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को पुराने सिस्टम के तहत न्याय पाने में होता था। नए प्रावधानों में शामिल हैं:
- अदालत में पेशी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
- शून्य एफआईआर और ई-एफआईआर के माध्यम से शिकायत दर्ज करना आसान
तीन नए आपराधिक कानून हैं:
पुराना कानून | नया कानून |
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भारतीय दंड संहिता (IPC) | भारतीय न्याय संहिता (BNS) |
दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) | भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) |
भारतीय साक्ष्य अधिनियम | भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) |
नए कानूनों का विवरण
भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं, जिनमें 20 नए अपराध जोड़े गए हैं और 33 अपराधों के लिए दंड बढ़ाए गए हैं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं, जिनमें 177 बदलाव और ऑडियो-वीडियो साक्ष्य के लिए नए प्रावधान शामिल हैं। भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 170 प्रावधान हैं, जिनमें 24 प्रावधानों में बदलाव और नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
ये कानून 25 दिसंबर 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अनुमोदित किए गए थे और इनका उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी और पीड़ितों के अनुकूल बनाना है।