बलूचिस्तान में एक चिंताजनक पैटर्न उभर रहा है, जिसे कार्यकर्ता मेहरंग बलोच ने उजागर किया है। उन्होंने बताया कि जो लोग जबरन गायब किए गए और बाद में रिहा किए गए, उन्हें मारा जा रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्वादर के जकारिया जहीर का है, जो 27 सितंबर को गायब हुए, 13 नवंबर को रिहा हुए और 11 जनवरी 2024 को दुखद रूप से मारे गए। मेहरंग बलोच ने सोशल मीडिया पर इन चिंताओं को साझा किया, यह बताते हुए कि यह मुद्दा दुनिया द्वारा काफी हद तक अनदेखा किया गया है।
मेहरंग बलोच ने इन कृत्यों की निंदा की, यह कहते हुए कि दमनकारी ताकतें बलोच लोगों को चुप कराने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ये कार्य जारी रहे, तो यह व्यापक गुस्सा और प्रतिक्रिया को उकसाएंगे। उन्होंने पाकिस्तान-बलूचिस्तान सीमा, जिसे डूरंड लाइन के नाम से जाना जाता है, के साथ रहने वाले लोगों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर भी चिंता व्यक्त की।
मेहरंग बलोच के अनुसार, सीमा के साथ रहने वाले लोग ऐतिहासिक रूप से बलूचिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में लगे रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यात्रा प्रतिबंधों और पुलिस के कठोर व्यवहार की आलोचना की, जिसने जीवन और सांस्कृतिक संबंधों को बाधित किया है। उन्होंने एक वीडियो साझा किया जिसमें पुलिस कर्मियों को स्थानीय लोगों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए दिखाया गया है, जो समुदाय पर गंभीर प्रभाव को उजागर करता है।
महरंग बलोच एक व्यक्ति हैं जो पाकिस्तान के एक क्षेत्र बलोचिस्तान में लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाती हैं। उन्हें एक कार्यकर्ता कहा जाता है क्योंकि वह वहां हो रही समस्याओं और अन्यायों पर ध्यान आकर्षित करने का काम करती हैं।
जबरन गायबियाँ तब होती हैं जब लोगों को अधिकारियों या समूहों द्वारा ले जाया जाता है, और उनके परिवारों को नहीं पता होता कि वे कहाँ हैं या उनके साथ क्या हुआ। यह एक गंभीर मानवाधिकार मुद्दा है क्योंकि यह डर और अनिश्चितता पैदा करता है।
बलोचिस्तान पाकिस्तान का एक बड़ा क्षेत्र है जो अपनी अनोखी संस्कृति और इतिहास के लिए जाना जाता है। इसने कई चुनौतियों का सामना किया है, जिसमें राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे शामिल हैं, जिन्हें महरंग बलोच जैसे लोग संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं।
जकारिया जहीर ग्वादर, बलोचिस्तान के एक व्यक्ति थे। उन्हें ले जाया गया, फिर रिहा किया गया, लेकिन दुख की बात है कि बाद में उनकी हत्या कर दी गई। उनका मामला उन समस्याओं का उदाहरण है जिन्हें महरंग बलोच उजागर कर रही हैं।
ग्वादर बलोचिस्तान, पाकिस्तान का एक बंदरगाह शहर है। यह अपनी रणनीतिक स्थिति के लिए जाना जाता है और विकास परियोजनाओं और स्थानीय लोगों के अधिकारों से संबंधित मुद्दों के लिए खबरों में रहा है।
पाकिस्तान-बलोचिस्तान सीमा वह सीमा है जो बलोचिस्तान को पाकिस्तान के बाकी हिस्सों से अलग करती है। इस सीमा पर यात्रा प्रतिबंध और पुलिस के दुर्व्यवहार जैसी समस्याएँ रही हैं, जो लोगों के दैनिक जीवन और सांस्कृतिक संबंधों को प्रभावित करती हैं।
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