कांचीपुरम में गणेश चतुर्थी की धूम, मूर्तियों और केले के पत्तों की भारी मांग

कांचीपुरम में गणेश चतुर्थी की धूम, मूर्तियों और केले के पत्तों की भारी मांग

कांचीपुरम में गणेश चतुर्थी का उत्सव

मूर्तियों और केले के पत्तों की भारी मांग

शनिवार को तमिलनाडु के लोग गणेश चतुर्थी के लिए गणेश मूर्तियाँ और पूजा सामग्री खरीदने के लिए बाजारों में उमड़ पड़े। कांचीपुरम का बाजार विभिन्न आकार, रंग और डिज़ाइन की मूर्तियों से सजीव हो उठा। कारीगरों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए हरी और नीली रंग की मूर्तियाँ बनाई, और कुछ मूर्तियों में भगवान गणेश को गाय या शेर पर बैठे हुए दिखाया गया।

दृश्यों में लोग उत्सव की तैयारियों के लिए मूर्तियाँ और अन्य सामग्री खरीदते हुए दिखे। गणेश चतुर्थी और शुभ मुहूर्त के कारण केले के पत्तों की कीमतों में भी भारी वृद्धि हुई। तूतुकुड़ी जिले के विभिन्न क्षेत्रों से काटे गए केले के पत्ते, जो पिछले सप्ताह 1,000 रुपये प्रति बंडल थे, अब 3,500 से 6,300 रुपये प्रति बंडल में बेचे जा रहे हैं।

गणेश चतुर्थी, जो 7 सितंबर से शुरू होने वाला दस दिवसीय उत्सव है, गणेश को ‘नए शुरुआत के देवता’ और ‘विघ्नहर्ता’ के रूप में मनाता है। इस उत्सव को ‘विनायक चतुर्थी’ या ‘विनायक चविथि’ के नाम से भी जाना जाता है और पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लोग अपने घरों में गणेश मूर्तियाँ लाते हैं, उपवास रखते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और पंडालों में जाते हैं।

Doubts Revealed


गणेश चतुर्थी -: गणेश चतुर्थी एक हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है, जिन्हें ‘नए शुरुआत के देवता’ और ‘विघ्नहर्ता’ के रूप में जाना जाता है।

कांचीपुरम -: कांचीपुरम भारतीय राज्य तमिलनाडु का एक शहर है, जो अपने मंदिरों और रेशमी साड़ियों के लिए जाना जाता है।

गणेश मूर्तियाँ -: गणेश मूर्तियाँ भगवान गणेश की प्रतिमाएँ होती हैं, जो मिट्टी या अन्य सामग्रियों से बनाई जाती हैं, जिन्हें लोग गणेश चतुर्थी के दौरान पूजा के लिए घर लाते हैं।

केले के पत्ते -: केले के पत्ते केले के पौधे के बड़े पत्ते होते हैं, जो अक्सर दक्षिण भारतीय त्योहारों में भोजन परोसने और अन्य अनुष्ठानों के लिए उपयोग किए जाते हैं।

शुभ मुहूर्त -: शुभ मुहूर्त एक शुभ समय या क्षण को संदर्भित करता है, जिसे अक्सर शादियों या धार्मिक समारोहों जैसे महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए चुना जाता है।

कारीगर -: कारीगर कुशल श्रमिक होते हैं जो हाथ से चीजें बनाते हैं, जैसे त्योहार के लिए रचनात्मक गणेश मूर्तियाँ।

पूजा सामग्री -: पूजा सामग्री हिंदू पूजा अनुष्ठानों में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं होती हैं, जैसे फूल, अगरबत्ती, और भेंट।

पंडाल -: पंडाल अस्थायी संरचनाएँ होती हैं जो त्योहारों के दौरान स्थापित की जाती हैं जहाँ लोग पूजा और उत्सव के लिए इकट्ठा होते हैं।

उपवास -: उपवास का मतलब एक निश्चित अवधि के लिए भोजन नहीं करना होता है, जो अक्सर धार्मिक कारणों से गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों के दौरान किया जाता है।

व्यंजन -: व्यंजन विशेष, स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ होते हैं जो त्योहारों और उत्सवों के लिए तैयार किए जाते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *