दिल्ली के कचरे की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता, 2027 तक समाधान नहीं

दिल्ली के कचरे की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता, 2027 तक समाधान नहीं

दिल्ली के कचरे की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बिना उपचारित ठोस कचरे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, यह बताते हुए कि 2027 तक कोई समाधान अपेक्षित नहीं है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह ने केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (MCD) के साथ आवश्यक कदमों पर चर्चा करने का निर्देश दिया है। अदालत ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की ओर ले जा सकती है, क्योंकि प्रतिदिन 11,000 टन कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से 3,800 टन बिना उपचारित रह जाता है।

मुख्य बिंदु

  • सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में बिना उपचारित कचरे को लेकर चिंतित है।
  • 2027 तक कोई समाधान अपेक्षित नहीं है।
  • न्यायमूर्ति अभय एस ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह इस मामले में शामिल हैं।
  • केंद्र, दिल्ली सरकार और MCD को आपातकाल से बचने के लिए कदमों पर चर्चा करनी होगी।
  • प्रतिदिन 11,000 टन कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से 3,800 टन बिना उपचारित रह जाता है।

अगले कदम

अदालत ने अगली सुनवाई 6 सितंबर के लिए निर्धारित की है। इस स्थिति को सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम माना जा रहा है और यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदूषण मुक्त वातावरण के नागरिकों के अधिकार को प्रभावित करता है।

Doubts Revealed


सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत का सर्वोच्च न्यायालय है। यह देश में कानून और न्याय के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।

अप्रशोधित कचरा -: अप्रशोधित कचरा वह कचरा है जिसे सही तरीके से संसाधित या निपटाया नहीं गया है। इससे प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

दिल्ली -: दिल्ली भारत की राजधानी है। यह एक बहुत बड़ा शहर है जिसमें बहुत से लोग रहते हैं।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह -: न्यायमूर्ति अभय एस ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह भारत के सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश हैं। वे महत्वपूर्ण कानूनी निर्णय लेने में मदद करते हैं।

केंद्र -: केंद्र भारत की केंद्रीय सरकार को संदर्भित करता है, जो पूरे देश के लिए जिम्मेदार है।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) -: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) एक स्थानीय सरकारी निकाय है जो दिल्ली में कचरा प्रबंधन जैसी नागरिक सेवाओं का ध्यान रखता है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल -: सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल एक ऐसी स्थिति है जहां बहुत से लोग किसी हानिकारक चीज़ के कारण बीमार हो सकते हैं, जैसे कि अप्रशोधित कचरा।

11,000 टन -: 11,000 टन कचरा बहुत बड़ी मात्रा है। एक टन 1,000 किलोग्राम के बराबर होता है।

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