भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्रियों की वार्ता: संबंधों को मजबूत करना
परिचय
सिंगापुर के रक्षा मंत्री डॉ. एनजी एंग हेन तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ छठी भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्रियों की वार्ता की सह-अध्यक्षता की।
प्रतिनिधिमंडल का स्वागत
वार्ता की शुरुआत राजनाथ सिंह द्वारा सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत करने के साथ हुई। उन्होंने भारत और सिंगापुर के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया और उनके सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।
बैठक का महत्व
सिंह ने बताया कि यह बैठक भारत की एक्ट ईस्ट नीति के दशक के साथ मेल खाती है, जिसमें सिंगापुर ने आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. एनजी एंग हेन ने क्षेत्र में भारत के महत्व को स्वीकार किया और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक साझेदारी की सराहना की।
ऐतिहासिक संबंध
डॉ. एनजी एंग हेन ने सिंगापुर की सशस्त्र सेनाओं के शुरुआती दिनों को याद किया, जब उन्होंने भारत से सहायता मांगी थी। उन्होंने पिछले दशक में द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति, विशेष रूप से रक्षा और रणनीतिक साझेदारी में, प्रसन्नता व्यक्त की।
हालिया विकास
डॉ. एनजी एंग हेन ने इस वर्ष की शुरुआत में सिंगापुर की यात्रा के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया, जिसे उन्होंने एक उत्कृष्ट बैठक बताया। रक्षा मंत्रालय ने वार्ता की घोषणा की, जिसमें दोनों देशों के बीच सैन्य आदान-प्रदान और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सहयोग सहित विविध जुड़ाव को उजागर किया गया।
निष्कर्ष
2016 में शुरू की गई भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्रियों की वार्ता द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है। हाल की बैठक से द्विपक्षीय जुड़ाव और क्षेत्रीय सुरक्षा के पूरे स्पेक्ट्रम को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
Doubts Revealed
रक्षा मंत्रियों का संवाद -: यह एक बैठक है जहाँ भारत और सिंगापुर के रक्षा मंत्री मिलकर अपने देशों के सैन्य और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा और सुधार करते हैं।
राजनाथ सिंह -: राजनाथ सिंह भारत के रक्षा मंत्री हैं। वह भारत के रक्षा और सैन्य मामलों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं।
डॉ. एनजी एंग हेन -: डॉ. एनजी एंग हेन सिंगापुर के रक्षा मंत्री हैं। वह सिंगापुर के रक्षा और सैन्य मामलों के प्रभारी हैं।
रणनीतिक साझेदारी -: रणनीतिक साझेदारी दो देशों के बीच एक करीबी संबंध है जो सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं।
एक्ट ईस्ट नीति -: भारत की एक्ट ईस्ट नीति दक्षिण पूर्व एशियाई देशों, जिसमें सिंगापुर शामिल है, के साथ संबंध सुधारने की एक रणनीति है, जिससे व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिले।
द्विपक्षीय सहभागिता -: द्विपक्षीय सहभागिता का मतलब है दो देश मिलकर उन मुद्दों पर चर्चा और समाधान करते हैं जो दोनों को प्रभावित करते हैं।
क्षेत्रीय सुरक्षा -: क्षेत्रीय सुरक्षा का मतलब है एक विशेष क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता, इस मामले में, भारत और सिंगापुर के आसपास का क्षेत्र, शांति सुनिश्चित करना और संघर्षों को रोकना।