शारदा सिन्हा: एक प्रिय लोक गायिका की विरासत
प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा, जिन्हें ‘बिहार कोकिला’ के नाम से जाना जाता था, का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका निधन छठ पूजा के पहले दिन सेप्टीसीमिया के कारण हुआ, जो रक्त विषाक्तता का एक प्रकार है। 2018 से वह मल्टीपल मायलोमा, एक प्रकार के रक्त कैंसर से जूझ रही थीं। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि वह हमेशा अपने प्रियजनों के दिलों में जीवित रहेंगी।
परिवार और मित्रों का शोक
अंशुमान सिन्हा ने बताया कि उनके अंतिम संस्कार पटना, बिहार में उनके पिता के स्थान पर होंगे। भाजपा नेता और गायक मनोज तिवारी, जो उन्हें अपनी बहन मानते थे, ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी शोक व्यक्त किया और उनके अंतिम संस्कार सम्मान के साथ किए जाएंगे।
एक सांस्कृतिक प्रतीक
शारदा सिन्हा को भोजपुरी, मैथिली और हिंदी लोक संगीत में उनके योगदान के लिए सराहा गया। उनके छठ पूजा के गीत विशेष रूप से प्रिय हैं। भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन और सांसद रवि शंकर प्रसाद ने उनके संगीत उद्योग और संस्कृति पर प्रभाव को उजागर किया, उन्हें बिहार की सांस्कृतिक राजदूत और एक रत्न के रूप में वर्णित किया।
Doubts Revealed
शारदा सिन्हा -: शारदा सिन्हा भारत की एक प्रसिद्ध गायिका थीं, विशेष रूप से बिहार राज्य के पारंपरिक गीत गाने के लिए जानी जाती थीं। उन्हें उनकी सुंदर आवाज़ और गीतों के लिए कई लोग पसंद करते थे।
बिहार कोकिला -: बिहार कोकिला का मतलब ‘बिहार की बुलबुल’ होता है। यह एक विशेष उपाधि है जो शारदा सिन्हा को दी गई थी क्योंकि उनकी मीठी और मधुर गायकी बुलबुल पक्षी की सुंदर गान की तरह थी।
सेप्टीसीमिया -: सेप्टीसीमिया एक गंभीर बीमारी है जो तब होती है जब कीटाणु खून में प्रवेश कर पूरे शरीर में फैल जाते हैं। यह व्यक्ति को बहुत बीमार कर सकता है और इसे डॉक्टरों द्वारा जल्दी से इलाज की आवश्यकता होती है।
बीजेपी -: बीजेपी का मतलब भारतीय जनता पार्टी है, जो भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है। इस पार्टी के नेता, जैसे मनोज तिवारी, ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर दुख व्यक्त किया।
छठ पूजा -: छठ पूजा एक विशेष त्योहार है जो मुख्य रूप से बिहार और भारत के कुछ अन्य हिस्सों में मनाया जाता है। लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं और उन्हें जीवन और ऊर्जा देने के लिए धन्यवाद देते हैं। इस त्योहार के लिए शारदा सिन्हा के गीत बहुत लोकप्रिय थे।
सांस्कृतिक राजदूत -: सांस्कृतिक राजदूत वह व्यक्ति होता है जो किसी स्थान की संस्कृति का प्रतिनिधित्व और प्रचार करता है। शारदा सिन्हा को बिहार की सांस्कृतिक राजदूत कहा जाता था क्योंकि उनके संगीत ने बिहार की संस्कृति और परंपराओं को कई लोगों तक पहुँचाया।