सुप्रीम कोर्ट ने डीके शिवकुमार की याचिका खारिज की
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के खिलाफ चल रहे असंगत संपत्ति मामले को रद्द करने की मांग की थी। यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है।
पृष्ठभूमि
CBI की जांच डीके शिवकुमार के खिलाफ 2017 में आयकर छापे के बाद शुरू हुई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी जांच की, जिसके बाद CBI ने राज्य सरकार से प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी। यह अनुमति 25 सितंबर 2019 को दी गई और आरोप 3 अक्टूबर 2020 को दर्ज किए गए।
कानूनी कार्यवाही
शिवकुमार की याचिका को पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट का हालिया निर्णय इस खारिज को बरकरार रखता है। यह मामला भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल द्वारा उच्च न्यायालय में लाया गया था, जिन्होंने राज्य सरकार के CBI जांच को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस शासित कर्नाटक सरकार ने नवंबर में CBI जांच को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिससे भाजपा और कांग्रेस के बीच महत्वपूर्ण राजनीतिक संघर्ष हुआ। भाजपा ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए इसे ‘पूरी तरह से अवैध’ करार दिया।