एसिड अटैक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी का आदेश दिया
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एसिड अटैक मामले में एक आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया है। आरोपी को पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दी थी, लेकिन उसने सुप्रीम कोर्ट का नोटिस स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
मामले का विवरण
यह मामला 5 नवंबर 2016 का है, जब उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में 27 वर्षीय असलम पर तीन अज्ञात हमलावरों ने हमला किया था। हमलावरों ने असलम के ई-रिक्शा को लूटने की कोशिश के दौरान उसे चाकू से काटा, उसके चेहरे पर एसिड फेंका और ई-रिक्शा चुरा लिया। इस हमले में असलम पूरी तरह से अंधा हो गया।
कानूनी कार्यवाही
अपराध की गंभीरता के बावजूद, असलम को कोई मुआवजा नहीं मिला है और वह बाहरी एजेंसियों और एनजीओ पर निर्भर हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा 16 अक्टूबर 2023 को एक आरोपी को दी गई जमानत को असलम ने ब्रेव सोल्स फाउंडेशन की मदद से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। यह एनजीओ खुद एक एसिड अटैक सर्वाइवर शाहीन मलिक द्वारा स्थापित किया गया है।
ब्रेव सोल्स फाउंडेशन का समर्थन
फाउंडेशन असलम को कानूनी और चिकित्सा सहायता, मासिक राशन और उनके बच्चों के लिए शैक्षिक सहायता प्रदान कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी द्वारा नोटिस स्वीकार करने से इनकार करने के बाद गैर-जमानती वारंट जारी करने का निर्णय लिया।
Doubts Revealed
सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत का सबसे उच्च न्यायालय है। यह कानूनों और न्याय के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।
गैर-जमानती वारंट -: गैर-जमानती वारंट का मतलब है कि पुलिस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है, और वे पैसे (जमानत) देकर जेल से बाहर नहीं आ सकते।
एसिड अटैक -: एसिड अटैक तब होता है जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर हानिकारक रसायन फेंकता है, जिससे गंभीर चोटें आती हैं।
नोटिस -: नोटिस एक औपचारिक संदेश है जो अदालत से किसी को कुछ करने के लिए कहता है, जैसे कि अदालत में आना।
हापुड़ जिला -: हापुड़ जिला उत्तर प्रदेश राज्य में एक स्थान है।
मुआवजा -: मुआवजा वह पैसा है जो किसी को चोट लगने या कुछ खोने के बाद उनकी मदद के लिए दिया जाता है।
एनजीओ -: एनजीओ गैर-सरकारी संगठन होते हैं। वे जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं और सरकार का हिस्सा नहीं होते।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय -: इलाहाबाद उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश, भारत में एक बड़ा न्यायालय है। यह महत्वपूर्ण कानूनी निर्णय लेता है।
ब्रेव सोल्स फाउंडेशन -: ब्रेव सोल्स फाउंडेशन एक समूह है जो उन लोगों की मदद करता है जो घायल हुए हैं या मुसीबत में हैं।