मणिपुर में कूकी कैदी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा जांच का आदेश दिया

मणिपुर में कूकी कैदी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा जांच का आदेश दिया

मणिपुर में कूकी कैदी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा जांच का आदेश दिया

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार पर कूकी समुदाय के एक विचाराधीन कैदी लुन्खोंगम हाओकिप को चिकित्सा देखभाल न देने पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने पाया कि हाओकिप को उनके समुदाय की पृष्ठभूमि के कारण अस्पताल नहीं ले जाया गया।

मामले का विवरण

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और उज्जल भुयान की पीठ ने राज्य की आलोचना करते हुए कहा, “हम राज्य (मणिपुर) पर भरोसा नहीं करते… आरोपी को अस्पताल नहीं ले जाया गया क्योंकि वह कूकी समुदाय से है। बहुत दुखद। हम उसे अब जांच के लिए भेजने का निर्देश देते हैं। अगर चिकित्सा रिपोर्ट में कुछ गंभीर पाया गया, तो हम आपको जिम्मेदार ठहराएंगे। इसे याद रखें।”

हाओकिप के वकील ने बताया कि वह बवासीर, तपेदिक और गंभीर पीठ दर्द से पीड़ित हैं, लेकिन जेल अधिकारियों ने उनकी चिकित्सा सहायता की मांगों को नजरअंदाज कर दिया। कोर्ट ने पाया कि कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण कैदी को अस्पताल नहीं ले जाया गया।

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

कोर्ट ने जेल अधीक्षक और राज्य अधिकारियों को हाओकिप को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ले जाने का आदेश दिया ताकि उनकी पूरी चिकित्सा जांच की जा सके। यह जांच बवासीर, टीबी, टॉन्सिलाइटिस, पेट दर्द और निचले लंबर स्पाइन के मुद्दों को कवर करेगी। कोर्ट ने सभी खर्च राज्य द्वारा वहन करने का आदेश दिया और 15 जुलाई तक विस्तृत चिकित्सा रिपोर्ट प्रस्तुत करने की मांग की।

हिंसा की पृष्ठभूमि

मणिपुर में मैतेई और आदिवासी कूकी समुदाय के बीच हिंसा 3 मई, 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की रैली के बाद भड़क उठी। स्थिति बिगड़ने पर कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई।

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