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गुलाम नबी आजाद ने जम्मू और कश्मीर चुनावों पर अपने विचार साझा किए

गुलाम नबी आजाद ने जम्मू और कश्मीर चुनावों पर अपने विचार साझा किए

गुलाम नबी आजाद ने जम्मू और कश्मीर चुनावों पर अपने विचार साझा किए

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने जम्मू और कश्मीर में चल रहे विधानसभा चुनावों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि उनके कॉलेज के दिनों से अब तक मुद्दे नहीं बदले हैं, नारे वही हैं।

आजाद ने क्षेत्रीय पार्टियों पर धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘सड़कें, स्कूल और शिक्षा कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन इस्लाम खतरे में है – यही मुद्दा है।’ उन्होंने सवाल किया कि इस्लाम कैसे खतरे में हो सकता है, जबकि यह इतिहास में हमेशा मजबूत रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि वह भाजपा का विरोध करते हैं क्योंकि यह धर्म के आधार पर लोगों को बांटती है और अन्य पार्टियां भी ऐसा ही कर रही हैं। आजाद ने जोर देकर कहा कि राजनीतिक पार्टियां प्रतिद्वंद्वी हैं, दुश्मन नहीं, इसे उन्होंने कक्षा में दोस्ताना प्रतिस्पर्धा से तुलना की।

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हो रहे हैं। पहला चरण 18 सितंबर को हुआ, जिसमें 61.13% मतदान हुआ। दूसरा और तीसरा चरण 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगा, और वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी।

Doubts Revealed


गुलाम नबी आज़ाद -: गुलाम नबी आज़ाद एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो कई वर्षों से राजनीति में शामिल हैं। वह डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के अध्यक्ष हैं।

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी -: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी भारत में एक राजनीतिक पार्टी है, जिसका नेतृत्व गुलाम नबी आज़ाद करते हैं। राजनीतिक पार्टियाँ वे समूह होते हैं जो चुनाव जीतने और सरकार चलाने के लिए मिलकर काम करते हैं।

जम्मू और कश्मीर -: जम्मू और कश्मीर उत्तरी भारत का एक क्षेत्र है। यहाँ अपनी विधानसभा चुनाव होते हैं जिनमें नेता चुने जाते हैं जो क्षेत्र के लिए निर्णय लेंगे।

विधानसभा चुनाव -: विधानसभा चुनाव वह समय होता है जब किसी क्षेत्र के लोग अपने नेताओं को चुनने के लिए वोट देते हैं। ये नेता उनके क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे।

क्षेत्रीय पार्टियाँ -: क्षेत्रीय पार्टियाँ वे राजनीतिक पार्टियाँ होती हैं जो किसी विशेष क्षेत्र या क्षेत्र के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती हैं, न कि पूरे देश पर।

मतदाता टर्नआउट -: मतदाता टर्नआउट वह प्रतिशत होता है जो वास्तव में चुनाव में जाकर वोट डालते हैं। उदाहरण के लिए, यदि 100 लोग वोट कर सकते हैं और 61 लोग वोट करते हैं, तो मतदाता टर्नआउट 61% है।

चरण -: चुनावों में चरण का मतलब है कि अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग दिनों में वोटिंग होती है। इससे प्रक्रिया को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद मिलती है।
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