रुद्रप्रयाग में भारी बारिश: सड़कें बह गईं, तीर्थयात्रियों को केदारनाथ यात्रा स्थगित करने की सलाह

रुद्रप्रयाग में भारी बारिश: सड़कें बह गईं, तीर्थयात्रियों को केदारनाथ यात्रा स्थगित करने की सलाह

रुद्रप्रयाग में भारी बारिश: सड़कें बह गईं, तीर्थयात्रियों को केदारनाथ यात्रा स्थगित करने की सलाह

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने के कारण कई सड़कें नदी के कटाव और पहाड़ों के टूटने से बह गईं, जिससे यात्रियों और यात्रियों को परेशानी हो रही है।

पुलिस की चेतावनी

रुद्रप्रयाग पुलिस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर चेतावनी जारी की है, जिसमें निवासियों और यात्रियों को सोनप्रयाग मुख्य बाजार के पास अपनी आवाजाही सीमित करने की सलाह दी गई है। सड़क का एक बड़ा हिस्सा बह गया है, जिससे पैदल चलना असंभव हो गया है।

तीर्थयात्रियों को सतर्क किया गया

रुद्रप्रयाग जिले में तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रहने और सोनप्रयाग से आगे की सड़कों और फुटपाथों की खराब स्थिति के कारण अपनी केदारनाथ धाम यात्रा स्थगित करने की सलाह दी गई है।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में उच्च सतर्कता पर रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने निवासियों, भक्तों और पर्यटकों की सुरक्षा पर जोर देते हुए उन्हें मौसम की स्थिति की जांच के बाद ही यात्रा करने का आग्रह किया है।

हादसे की रिपोर्ट

जखन्याली, टिहरी गढ़वाल जिले में बादल फटने के बाद भानु प्रसाद (50) और अनीता देवी (45) मृत पाए गए, और एक व्यक्ति घायल हो गया। एसडीआरएफ टीम ने लापता व्यक्तियों की सूचना मिलने के बाद खोज अभियान चलाया।

Doubts Revealed


रुद्रप्रयाग -: रुद्रप्रयाग उत्तराखंड राज्य का एक जिला है। यह अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक आम ठहराव है।

केदारनाथ यात्रा -: केदारनाथ यात्रा केदारनाथ मंदिर की तीर्थयात्रा है, जो भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है। यह उत्तराखंड में हिमालय में स्थित है।

बादल फटना -: बादल फटना अचानक, बहुत भारी बारिश होती है जो बाढ़ और भूस्खलन का कारण बन सकती है। यह आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में होता है।

नदी कटाव -: नदी कटाव तब होता है जब नदी का बहता पानी अपने किनारों के साथ भूमि और चट्टानों को घिसता है, जिससे सड़कों और इमारतों को नुकसान हो सकता है।

पहाड़ी दरार -: पहाड़ी दरार तब होती है जब पहाड़ी पर जमीन फट जाती है या टूट जाती है, अक्सर भारी बारिश या अन्य प्राकृतिक बलों के कारण। इससे क्षेत्र असुरक्षित हो सकता है।

सोनप्रयाग -: सोनप्रयाग उत्तराखंड का एक छोटा सा शहर है, जो केदारनाथ के रास्ते में स्थित है। यह तीर्थयात्रियों के लिए एक आम ठहराव है।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी -: पुष्कर धामी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं, जिसका मतलब है कि वह उस राज्य की सरकार के प्रमुख हैं।

एनडीआरएफ -: एनडीआरएफ का मतलब राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल है। यह भारत में एक विशेष टीम है जो बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मदद करती है।

एसडीआरएफ -: एसडीआरएफ का मतलब राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल है। यह एनडीआरएफ के समान है लेकिन राज्य स्तर पर आपात स्थितियों के दौरान मदद करता है।

टिहरी गढ़वाल -: टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड का एक और जिला है। यह अपनी सुंदर परिदृश्यों के लिए भी जाना जाता है और भूस्खलन और बादल फटना जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए प्रवण है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *