नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं, RSP सरकार में बनी रहेगी

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं, RSP सरकार में बनी रहेगी

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं

नेपाल की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाली सरकार को नहीं छोड़ने का फैसला किया है, हालांकि CPN-UML के समर्थन वापस लेने से राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है।

RSP के मंत्रियों ने पहले इस्तीफा देने की योजना बनाई थी, लेकिन दहल से मिलने के बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया। पार्टी के मुख्य सचेतक संतोष परियार ने कहा, ‘हम इस्तीफा पत्र लेकर प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल से मिलने गए थे। उन्होंने हमें बताया कि वह अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करेंगे और संसद का सामना करेंगे। हमने उनसे जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट लेने का अनुरोध किया और हमारे मंत्रियों ने इस्तीफा नहीं दिया।’

अब अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे दहल को 30 दिनों के भीतर फ्लोर टेस्ट का सामना करना होगा। नेपाली कांग्रेस और CPN-UML ने मिलकर नई सरकार बनाने के लिए गठबंधन किया है।

275 सदस्यीय सदन में, नेपाली कांग्रेस के पास 88 सीटें हैं, CPN-UML के पास 79, RSP के पास 20, और दहल के नेतृत्व वाले माओवादी केंद्र के पास 32 सीटें हैं। दहल विभिन्न राजनीतिक दलों से समर्थन जुटाते रहे हैं। उन्होंने अभी तक प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत लेने की तारीख की घोषणा नहीं की है।

दहल को 25 दिसंबर, 2022 को तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था, जब उन्होंने 169 सांसदों का समर्थन दिखाया था।

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