राहुल गांधी के पहले भाषण से संसद में गरमागरम बहस छिड़ी

राहुल गांधी के पहले भाषण से संसद में गरमागरम बहस छिड़ी

राहुल गांधी के पहले भाषण से संसद में गरमागरम बहस छिड़ी

नई दिल्ली, 1 जुलाई: राहुल गांधी के लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में पहले भाषण ने सोमवार को बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया। भाजपा नेताओं ने उन पर झूठ फैलाने और हिंदू समुदाय को हिंसक कहने का आरोप लगाया, जबकि कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाए।

बहस के मुख्य बिंदु

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी की टिप्पणियों को गंभीर बताया। गृह मंत्री अमित शाह ने गांधी से हिंदू समुदाय को हिंसा से जोड़ने के लिए माफी की मांग की।

राहुल गांधी ने एनईईटी-यूजी विवाद और अग्निवीर योजना सहित विभिन्न मुद्दों पर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने सरकार पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने और डर फैलाने का आरोप लगाया। गांधी ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी अयोध्या से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन सर्वेक्षणों के आधार पर उन्होंने ऐसा नहीं किया।

भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाएं

गृह मंत्री अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं ने गांधी की टिप्पणियों की निंदा करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। शाह ने कहा कि किसी भी धर्म को हिंसा से जोड़ना गलत है और गांधी से माफी की मांग की। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी गांधी के बयानों की आलोचना की।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों का जवाब देने के लिए शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल गांधी ने स्पीकर की भूमिका के प्रति अपने सम्मान को दोहराया और भारतीय लोकतंत्र में स्पीकर के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भाजपा पर झूठ फैलाने और उनके भाषणों के वीडियो को संपादित करने का भी आरोप लगाया।

निष्कर्ष

संसद के दोनों सदनों में बहस तीव्र रही, जिसमें दोनों पक्षों के नेताओं ने तीखे बयान दिए। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी रहेगी, जिसमें पीएम मोदी से बहस का जवाब देने की उम्मीद है।

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