2017 हरियाणा जज पेपर लीक केस में अभियोजन पक्ष ने अपनी दलीलें समाप्त कीं
2017 हरियाणा जज पेपर लीक केस में विशेष न्यायाधीश अंजू बजाज चंदना के समक्ष अभियोजन पक्ष ने अपनी दलीलें समाप्त कर दी हैं। यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों पर तेजी से निपटाया जा रहा है।
मुख्य विवरण
विशेष लोक अभियोजक चरणजीत सिंह बख्शी, अधिवक्ता अमित साहनी की सहायता से, ने तर्क दिया कि उस समय के रजिस्ट्रार बलविंदर कुमार शर्मा ने अपने मित्र सुनीता को परीक्षा का पेपर लीक किया। सुनीता ने फिर इस पेपर को कई उम्मीदवारों के साथ अवैध लाभ के लिए साझा किया।
बख्शी ने कहा कि मौखिक, इलेक्ट्रॉनिक, दस्तावेजी और वैज्ञानिक साक्ष्य स्पष्ट रूप से आरोपियों की संलिप्तता को दर्शाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आरोपियों की हरकतों ने न्यायपालिका में जनता के विश्वास को नुकसान पहुंचाया है।
रक्षा के तर्क
बलविंदर कुमार शर्मा ने अपने बचाव में दावा किया कि परीक्षा के पेपर उच्च न्यायालय समिति के नियंत्रण में थे, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति अजय कुमार मित्तल कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें फंसाने के लिए एक झूठी जांच की गई थी।
अगले कदम
रक्षा पक्ष 19 और 20 जुलाई को अपनी दलीलें पेश करेगा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिन-प्रतिदिन की सुनवाई की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुकदमे को समाप्त करने के लिए तीन महीने का विस्तार दिया है।
पृष्ठभूमि
2017 में एक उम्मीदवार सुमन की याचिका के बाद पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी। 2021 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था। इस पेपर लीक में उम्मीदवारों और उनके रिश्तेदारों सहित नौ आरोपी शामिल हैं।