संजय राउत और असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन की आलोचना की
नई दिल्ली [भारत], 27 जून: शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन की आलोचना की, यह कहते हुए कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे को दर्शाता है। राउत ने कहा, ‘यह अब राष्ट्रपति का संबोधन नहीं रहा। यह पिछले 10 वर्षों से पीएम मोदी का संबोधन बन गया है। जो भी मोदी जी चाहते हैं, वह उनके भाषण में आ जाता है।’ उन्होंने सरकार की अल्पसंख्यक स्थिति और चल रहे मुद्दों की अनदेखी का भी उल्लेख किया।
इसी तरह, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी संबोधन की आलोचना की, इसे ‘नई बोतल में पुरानी शराब’ कहा। उन्होंने अल्पसंख्यकों और बेरोजगारी का उल्लेख न होने की बात कही। ओवैसी ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत में बढ़ते घृणास्पद भाषण और अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों के विध्वंस पर की गई टिप्पणियों का भी हवाला दिया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में आश्वासन दिया कि आगामी केंद्रीय बजट में प्रमुख आर्थिक और सामाजिक निर्णयों की घोषणा की जाएगी। उन्होंने सरकार की स्थिरता और अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों के दौरान गठित 18वीं लोकसभा के ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया। उन्होंने नव निर्वाचित सदस्यों को बधाई दी और राष्ट्र की सेवा करने की उनकी क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया।