राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएं दीं और उनकी स्मृति को सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर के लिए ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में एक वर्ष भर चलने वाले उत्सव की शुरुआत की घोषणा की।
राष्ट्रपति मुर्मू ने बिरसा मुंडा, जिन्हें ‘धरती आबा’ के नाम से भी जाना जाता है, के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की और भारत में जनजातीय गर्व और संवैधानिक आदर्शों के प्रति बढ़ती जागरूकता को उजागर किया। उन्होंने विश्वास जताया कि यह जागरूकता देश और उसकी जनजातीय समुदायों के लिए एक उज्जवल भविष्य की नींव रखेगी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले वर्ष उलीहातु की यात्रा को याद किया, जो बिरसा मुंडा के जन्मस्थान की पहली प्रधानमंत्री यात्रा थी। इस यात्रा के दौरान झारखंड से ‘पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान’ की शुरुआत की गई थी।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान संविधान की आठवीं अनुसूची में जनजातीय भाषा ‘संथाली’ को शामिल करने में अपनी भूमिका साझा की। उन्होंने जनजातीय समुदायों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया, यह बताते हुए कि कई जनजातीय महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त कर चुकी हैं।
उन्होंने जनजातीय विकास के समर्थन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, यह कहते हुए कि उनकी आकांक्षाओं के लिए आकाश ही सीमा है, और समाज और सरकार उनकी प्रगति के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
Doubts Revealed
द्रौपदी मुर्मू -: द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति हैं। वह देश की प्रमुख हैं और महत्वपूर्ण मामलों में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं।
बिरसा मुंडा -: बिरसा मुंडा एक आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्हें ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई और आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए याद किया जाता है।
150वीं जयंती -: 150वीं जयंती का मतलब है किसी व्यक्ति के जन्म के 150 साल पूरे होने का उत्सव। यह उनके जीवन और योगदान को याद करने और सम्मानित करने का विशेष अवसर है।
आदिवासी गर्व -: आदिवासी गर्व का मतलब है भारत में आदिवासी समुदायों की संस्कृति, परंपराओं और उपलब्धियों के प्रति सम्मान और गर्व की भावना।
संवैधानिक आदर्श -: संवैधानिक आदर्श वे महत्वपूर्ण सिद्धांत और मूल्य हैं जो भारत के संविधान में लिखे गए हैं। ये देश के संचालन का मार्गदर्शन करते हैं और सभी के लिए निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करते हैं।
उलिहातु -: उलिहातु झारखंड, भारत का एक गाँव है। यह आदिवासी नेता बिरसा मुंडा का जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है।
पीएम-जनमन -: पीएम-जनमन भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है। यह भारत में आदिवासी समुदायों के विकास और कल्याण पर केंद्रित है।
संथाली -: संथाली एक भाषा है जो संथाल जनजाति द्वारा बोली जाती है, जो भारत की सबसे बड़ी आदिवासी समुदायों में से एक है। इसे भारतीय संविधान में शामिल किया गया था ताकि भाषा को मान्यता और संरक्षण मिल सके।
आदिवासी विकास -: आदिवासी विकास का मतलब है भारत में आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर, शिक्षा और आर्थिक अवसरों को सुधारने के लिए किए गए प्रयास और कार्यक्रम।