भुवनेश्वर, ओडिशा में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ओडिशा के पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र बक्सिपत्रा की 91वीं जयंती मनाई गई। इस कार्यक्रम में ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल (बीजेडी) के नेता नवीन पटनायक ने भाग लिया।
पटनायक ने राजनीति में नैतिकता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि नैतिकता के बिना राजनीति पाखंड है। उनका मानना है कि केवल उच्च नैतिक मूल्यों वाले राजनेता ही लोगों के जीवन में सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने राजनीति को लोगों की निःस्वार्थ सेवा के प्रति प्रतिबद्धता बताया।
पटनायक ने कहा कि जनता का प्यार सत्ता, स्थिति और पद से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लोगों की संतुष्टि एक नेता के लिए सबसे बड़ी संपत्ति है।
बक्सिपत्रा के जीवन पर विचार करते हुए, पटनायक ने उनके समाजवाद के प्रति समर्पण और किसानों, आदिवासियों और वंचितों के लिए उनके संघर्ष की प्रशंसा की। बक्सिपत्रा बीजू पटनायक के करीबी सहयोगी और उनके मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाने जाते थे।
पटनायक ने आज की राजनीति में बक्सिपत्रा जैसे आदर्शवादी नेताओं की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कार्यक्रम की तस्वीरें साझा कीं और दोहराया कि राजनीति निःस्वार्थ सेवा और प्रतिबद्धता के बारे में है।
नवीन पटनायक एक प्रसिद्ध भारतीय राजनेता हैं जिन्होंने ओडिशा राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा की है। वह अपने नेतृत्व और राज्य को सुधारने के प्रयासों के लिए जाने जाते हैं।
हरिश्चंद्र बक्सिपत्र एक भारतीय राजनेता थे जो समाजवाद के प्रति समर्पण और वंचितों की मदद के लिए जाने जाते थे। उन्हें उनके उच्च नैतिक मूल्यों और समाज में योगदान के लिए याद किया जाता है।
जन्म जयंती उस दिन का उत्सव है जब कोई व्यक्ति पैदा हुआ था। 91वीं जन्म जयंती का मतलब है कि हरिश्चंद्र बक्सिपत्र के जन्म के 91 साल हो चुके हैं।
भुवनेश्वर भारतीय राज्य ओडिशा की राजधानी है। यह अपने प्राचीन मंदिरों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है।
राजनीति में नैतिकता का मतलब है अच्छे मूल्यों का होना और देश या राज्य के लिए निर्णय लेते समय सही काम करना। नेताओं के लिए ईमानदार और निष्पक्ष होना महत्वपूर्ण है।
समाजवाद एक समाज को संगठित करने का तरीका है जहां सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश करती है कि सभी को समान अवसर और संसाधन मिलें। यह वंचितों की मदद करने और असमानता को कम करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
पाखंड तब होता है जब कोई व्यक्ति कुछ विश्वासों या मूल्यों का दिखावा करता है लेकिन वास्तव में उनका पालन नहीं करता। राजनीति में, इसका मतलब है एक बात कहना और दूसरी करना।
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