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यूक्रेन और रूस की यात्रा पर पीएम मोदी: पूर्व आईएफएस अधिकारी महेश सचदेव की राय

यूक्रेन और रूस की यात्रा पर पीएम मोदी: पूर्व आईएफएस अधिकारी महेश सचदेव की राय

यूक्रेन और रूस की यात्रा पर पीएम मोदी: पूर्व आईएफएस अधिकारी महेश सचदेव की राय

नई दिल्ली, भारत – पूर्व भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी महेश सचदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की यूक्रेन और रूस यात्राओं को ‘अनोखा’ बताया है। सचदेव ने कहा कि बहुत कम सरकारें दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रख पाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य देशों के शांति प्रयास सफल नहीं हुए हैं, और यह देखना बाकी है कि पीएम मोदी की बातचीत कितनी सफल होगी।

वैश्विक दृष्टिकोण

सचदेव ने बताया कि बहुत कम नेता संघर्ष शुरू होने के बाद से मॉस्को और कीव दोनों का दौरा कर पाए हैं। उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति और हंगरी के प्रधानमंत्री का उल्लेख किया, जिन्होंने यूक्रेन और रूस के बीच शांति स्थापित करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए। सचदेव ने पीएम मोदी की यात्राओं की अनोखापन और एक नई शांति सूत्र की संभावना पर जोर दिया।

यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा

पीएम मोदी की 23 अगस्त को यूक्रेन की यात्रा ऐतिहासिक थी, क्योंकि यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने यूएसएसआर से अलग होने के बाद इस देश का दौरा किया। संघर्ष के बावजूद, पीएम मोदी का कीव में स्वागत किया गया, जिससे मॉस्को की उनकी पहले की यात्रा से उत्पन्न किसी भी कड़वाहट को कम करने में मदद मिली। सचदेव का मानना है कि पीएम मोदी ने अपनी यूक्रेन यात्रा के बारे में हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से चर्चा की होगी।

शांति पर भारत का रुख

सचदेव ने कहा कि पीएम मोदी ने अपनी यात्राओं के दौरान भारत की शांति के प्रति प्रतिबद्धता को व्यक्त किया। भारत इस संघर्ष में तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति और स्थिरता बहाल करने का प्रयास कर रहा है। भारत और यूक्रेन के बीच द्विपक्षीय संबंध महत्वपूर्ण हैं, जिसमें व्यापार लगभग 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। भारत की मानवीय सहायता को सुगम बनाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

बांग्लादेश पर चर्चा

सचदेव ने यह भी बताया कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने बांग्लादेश की सामाजिक-आर्थिक स्थिरता और देश के कट्टरपंथीकरण पर चर्चा की होगी। बांग्लादेश के सबसे बड़े पड़ोसी के रूप में, भारत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

संबंधों का संतुलन

अमेरिका के यूक्रेन के प्रति पक्षपाती समर्थन के बावजूद, सचदेव ने कहा कि भारत का संतुलित दृष्टिकोण सराहा जा रहा है। अमेरिका ने यूक्रेन को महत्वपूर्ण आर्थिक और सैन्य सहायता प्रदान की है, जिससे कीव को आक्रमण करने में मदद मिली है। व्हाइट हाउस और स्टेट डिपार्टमेंट के पर्यवेक्षक भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और इस संघर्ष में संतुलित संबंधों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।

Doubts Revealed


PM Modi -: PM मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। उनका पूरा नाम नरेंद्र मोदी है।

Ukraine -: यूक्रेन पूर्वी यूरोप का एक देश है। यह रूस के साथ संघर्षों के कारण समाचार में रहा है।

Russia -: रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है, जो यूरोप और एशिया दोनों में स्थित है। इसका यूक्रेन के साथ संघर्ष रहा है।

IFS Officer -: IFS का मतलब भारतीय विदेश सेवा है। ये अधिकारी अन्य देशों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं और कूटनीतिक संबंधों को संभालते हैं।

Mahesh Sachdev -: महेश सचदेव एक पूर्व भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हैं जिनके पास अंतरराष्ट्रीय संबंधों का अनुभव है।

historic nature -: ऐतिहासिक प्रकृति का मतलब कुछ बहुत महत्वपूर्ण या महत्वपूर्ण है जो पहले कभी नहीं हुआ या बहुत दुर्लभ है।

commitment to peace -: शांति के प्रति प्रतिबद्धता का मतलब है कि लड़ाई न हो और सभी लोग सामंजस्य में रहें, इसके लिए कड़ी मेहनत करना।

Bangladesh’s stability -: बांग्लादेश भारत का पड़ोसी देश है। स्थिरता का मतलब है स्थिर रहना और संघर्ष या आर्थिक समस्याओं जैसी समस्याएं न होना।

US’s partisan support -: पक्षपाती समर्थन का मतलब है कि अमेरिका संघर्ष में यूक्रेन का दृढ़ता से समर्थन कर रहा है।

balanced approach -: संतुलित दृष्टिकोण का मतलब है कि संघर्ष में दोनों पक्षों के साथ निष्पक्षता से पेश आना और किसी का पक्ष न लेना।

international observers -: अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक वे लोग या समूह होते हैं जो विभिन्न देशों से होते हैं और अन्य देशों में क्या हो रहा है, इसे देखते और विश्लेषण करते हैं।
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