अमित शाह ने नए आईपीएस अधिकारियों के साथ पुलिसिंग के भविष्य पर चर्चा की

अमित शाह ने नए आईपीएस अधिकारियों के साथ पुलिसिंग के भविष्य पर चर्चा की

अमित शाह ने नए आईपीएस अधिकारियों के साथ पुलिसिंग के भविष्य पर चर्चा की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 2023 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) प्रशिक्षुओं से बात की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण पर जोर दिया, जिसमें आतंक और नशामुक्त राष्ट्र, मजबूत आंतरिक सुरक्षा और मानवाधिकारों की सुरक्षा शामिल है।

2023 आईपीएस बैच में 188 प्रशिक्षु शामिल हैं, जिनमें 54 महिलाएं हैं, जिन्होंने अपनी प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। शाह ने इस बैच की बढ़ी हुई जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला और उन्हें अगली पीढ़ी की पुलिसिंग का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया।

शाह ने सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधारों का उल्लेख किया, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर, उत्तर पूर्व और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में, जहां हिंसा में 70% की कमी आई है। उन्होंने नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और नए कानूनों और प्रौद्योगिकी के माध्यम से समय पर न्याय सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया।

शाह ने अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) के कार्यान्वयन और कानूनी प्रक्रियाओं में वैज्ञानिक साक्ष्य के उपयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा में पुलिस अधिकारियों की भूमिका और नागरिक सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया।

इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें केंद्रीय गृह सचिव और इंटेलिजेंस ब्यूरो और सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक शामिल थे।

Doubts Revealed


अमित शाह -: अमित शाह एक वरिष्ठ भारतीय राजनेता हैं और वर्तमान में भारत के केंद्रीय गृह मंत्री हैं। वह देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून प्रवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं।

आईपीएस अधिकारी -: आईपीएस का मतलब भारतीय पुलिस सेवा है। आईपीएस अधिकारी कानून और व्यवस्था बनाए रखने, अपराध को रोकने और भारत में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

प्रोबेशनर्स -: प्रोबेशनर्स नए अधिकारी होते हैं जो अपनी पूरी जिम्मेदारियाँ लेने से पहले प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे होते हैं। इस संदर्भ में, वे नए आईपीएस अधिकारी हैं जो अपनी भूमिकाओं के बारे में सीख रहे हैं।

2047 तक विकसित भारत की दृष्टि -: यह भारतीय सरकार द्वारा 2047 तक भारत को एक पूर्ण विकसित देश बनाने का लक्ष्य है, जो भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने का प्रतीक होगा।

आंतरिक सुरक्षा -: आंतरिक सुरक्षा का मतलब देश को आंतरिक खतरों जैसे आतंकवाद, विद्रोह और अपराध से बचाना है, जिससे देश के भीतर शांति और स्थिरता सुनिश्चित हो सके।

मानवाधिकार -: मानवाधिकार वे बुनियादी अधिकार और स्वतंत्रताएँ हैं जो दुनिया के हर व्यक्ति को प्राप्त होती हैं, जैसे जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता और समानता।

संघर्ष क्षेत्र -: संघर्ष क्षेत्र वे क्षेत्र होते हैं जहाँ राजनीतिक, जातीय या धार्मिक तनावों के कारण लगातार हिंसा या अशांति होती है।

समय पर न्याय -: समय पर न्याय का मतलब कानूनी मामलों को जल्दी और निष्पक्ष रूप से हल करना है, ताकि लोगों को अपने कानूनी अधिकारों के लिए बहुत लंबा इंतजार न करना पड़े।

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