प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में स्वामी शांतिगिरी महाराज से की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र का दौरा किया और महा मंडलेश्वर स्वामी शांतिगिरी महाराज से मुलाकात की। उन्होंने स्वामी जी के गरीबों और पिछड़ों के उत्थान के प्रयासों की सराहना की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा किए और स्वामी जी की सामुदायिक सेवा को उजागर किया।
महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार
यह मुलाकात महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए चल रहे तीव्र प्रचार के दौरान हुई। पीएम मोदी ने छत्रपति संभाजी नगर में एक जनसभा को संबोधित किया और महा विकास अघाड़ी गठबंधन के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने दावा किया कि अगर वे सत्ता में आए तो राज्य में सूखा और जल संकट होगा।
पीएम मोदी की चेतावनी
पीएम मोदी ने जनता, विशेषकर महिलाओं से आग्रह किया कि वे अघाड़ी गठबंधन को सत्ता में आने से रोकें, यह सुझाव देते हुए कि उन्हें जल संकट का सामना करना पड़ेगा। उन्हें एनडीए नेताओं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का समर्थन प्राप्त था। चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
Doubts Revealed
पीएम मोदी -: पीएम मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। वह देश के नेता हैं और राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।
स्वामी शांतिगिरी महाराज -: स्वामी शांतिगिरी महाराज भारत में एक धार्मिक नेता हैं। वह गरीब लोगों की मदद के लिए अपने काम के लिए जाने जाते हैं।
महाराष्ट्र -: महाराष्ट्र पश्चिमी भारत का एक राज्य है। यह मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों के लिए जाना जाता है।
चुनाव अभियान -: चुनाव अभियान वह समय होता है जब राजनेता लोगों को उनके लिए वोट देने के लिए मनाने की कोशिश करते हैं। वे भाषण देते हैं और अपने विचार साझा करने के लिए लोगों से मिलते हैं।
महा विकास अघाड़ी -: महा विकास अघाड़ी महाराष्ट्र में एक राजनीतिक गठबंधन है। यह विभिन्न राजनीतिक दलों का समूह है जो एक साथ काम करते हैं।
एनडीए -: एनडीए का मतलब नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस है। यह भारत में राजनीतिक दलों का एक समूह है जो पीएम मोदी का समर्थन करता है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे -: एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं। वह राज्य सरकार के प्रमुख हैं और पीएम मोदी के साथ काम करते हैं।
विधानसभा चुनाव -: विधानसभा चुनाव राज्य सरकार के लिए नेताओं को चुनने के लिए होते हैं। लोग वोट करते हैं ताकि यह तय हो सके कि उनके राज्य के लिए निर्णय कौन लेगा।